भोपाल। विजयपुर उपचुनाव में हार के बाद रामनिवास रावत ने सोमवार को मीडिया के सामने अपना दर्द बयां किया। रावत ने कहा कि कुछ लोगों ने मुझे हरवाने में कोई कसर नहीं छोडी। उन्हें लगा कि भाजपा में मेरे आने के बाद उनका सबकुछ खत्म हो जाएगा। उन्होंने भाजपा के मूल लोगों को बरगलाया।
सोमवार को मीडिया से बातचीत के दौरान रावत ने अपना दर्द बयां किया। उनसे जब पूछा गया कि इतना काम कराने के बाद भी क्या जनता समझ नहीं पाई? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि जनता न कहें, कुछ ही लोग हैं। मंत्री पद मतलब बढ़ता हुआ पद स्वीकार नहीं कर पाए। जनता ने तो मुझे 93 हजार वोट दिए हैं। कुछ ही लोग स्वीकार नहीं कर पाए। रावत ने कहा कि मूल भाजपा के लोगों को कहा गया कि ये जीतकर आ गया, तो तुम्हारी कौन सुनेगा? अपने आदमियों को देखेगा।
जनता के बीच रहकर करूंगा काम
रावत ने कहा कि जनता ने मुझे भले ही नकार दिया हो, लेकिन मैं जनता के बीच रहकर काम करूंगा। अपने क्षेत्र के विकास के लिए जीवनपर्यंत हर संभव प्रयास करता रहूंगा। विजयपुर के विकास के संकल्प को स्मरण करते हुए काम करता रहूंगा।। रावत ने कहा कि विजयपुर क्षेत्र की जनता को बहुत धन्यवाद देता हूं, उनका प्यार - स्नेह मुझे मिलता रहा है और आगे भी मिलता रहेगा। रावत ने कहा मैं शासकीय सेवा में भी जा सकता था, लेकिन क्षेत्र की स्थिति को देखते हुए मैंने समाजसेवा का क्षेत्र चुना।
शर्मा ने कहा-कार्यकर्ताओं ने हार का अंतर घटाया
रावत के बयान पर प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि उन्हें नही पता कि रावत ने क्या कहा, लेकि मैं भाजपा के कार्यकर्ताओं को दाद देता हूं। वे हार के अंतर को 18 हजार से 7 हजार पर ले आए। जब उनसे वन मंत्री के पद के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह मुख्यमंत्री के अधिकार क्षेत्र का मामला है। किसे क्या काम देना है, वे ही इस पर फैसला लेंगे। शर्मा ने कहा कि कांग्रेस ने झूठ का परसेप्शन बनाया कि आदिवासियों पर आक्रमण किया। भाजपा का नाम लिया गया। इससे थोड़ा नुकसान जरूर हुआ है।
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