इंदौर। इंदौर में चल रही यूरेशियन ग्रुप की बैठक का आज दूसरा दिन था। आज भी मनी लॉड्रिंग, टेरर फंडिंग और साइबर क्राइम रोकने को लेकर विभिन्न पहलुओं पर चर्चा हुई। एफएटीएफ द्वारा भारत के इवैल्युएशन पर किसी भी सवाल का जवाब देने के लिए भारतीय टीम तैयार है, लेकिन किसी भी देश ने कोई सवाल नहीं उठाया। इसके विपरित मनी लॉ़ड्रिंग और टेरर फंडिंग को लेकर भारत द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना ही की गई।
भारतीय प्रतिनिधि संघ के प्रमुख विवेक अग्रवाल ने बताया कि भारत यूपीआई को इंटरनेशनल लेवल पर प्रमोट कर रहा है। सिंगापुर और दुबई में यूपीआई का विस्तार हुआ है। फॉरेन करेंसी को कम करने के लिए यूपीआई का बड़ा रोल हो सकता है। भारत सरकार इसके लिए प्रयासरत है। अग्रवाल ने बताया कि भारत में बना डिजिटल पेमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर और डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर दुनिया में उदाहरण है। इससे साइबर फ्रॉड को रोकने में भी मदद मिलेगी। आने वाले समय में डिजिटल पेमेंट और फिन टेक का जबरदस्त ग्रोथ होग। फिन टेक के जरिए क्राइम की आशंका न हो। यह एक बड़ा चैलेंज है। इसके लिए क्या रेगुलेटरी सिस्टम होना चाहिए और क्या कंप्लायंस सिस्टम है, इस पर बुधवार को चर्चा होगी।
दूसरे देशों से अनुभव साझा कर रहा है भारत
विवेक अग्रवाल ने बताया कि भारत के प्रतिनिधिमंडल में ईडी, एनआईए, नारकोटिक्स, आईबी, सेबी, आरबीआई सहित सभी एजेंसिंयों के अधिकारी शामिल हैं। यह टीम इस बात के लिए तैयार थी कि फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) द्वारा भारत के इवैल्युशन को लेकर अगर कोई सवाल होता है तो उसका जवाब दे सकें। अब तक किसी भी देश ने कोई सवाल नहीं किया है, बल्कि भारत के कदमों की सराहना ही की है। सभी देश हमारा समर्थन कर रहे हैं और बधाई भी दे रहे हैं। भारत फाइनेंशियल क्राइम रोकने के अपने अनुभव दूसरे देशों से शेयर कर रहा है।
साइबर फ्रॉड रोकने के सभी पहलूओं पर काम
विवेक अग्रवाल ने बताया कि भारत सरकार साइबर फ्रॉड रोकने के हर पहलू पर काम कर रही है। अगर समय से रिपोर्ट हो जाती है तो तत्काल अकाउंट फ्रिज कर पैसे रिकवर करने की व्यवस्था बनाई जा रही है। क्रॉस बॉर्डर ट्रांजेक्शन को लेकर भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काम हो रहा है। जिन देशों में ऐसी गतिविधियां हो रही हैं, उन देशों पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दबाव बनाने की कोशिश भी भारत कर रहा है। क्रिप्टो करेंसी पर भी भारत की नजर है और उसके तह तक जाने का प्रयास जारी है।
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