असम सरकार ने मुस्लिम विवाह अधिनियम को समाप्त करने का फ़ैसला किया है. मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कैबिनेट के इस निर्णय की जानकारी दी है. असम मुस्लिम मैरिज एंड डिवोर्स रजिस्ट्रेशन एक्ट 1935 को अब समाप्त कर दिया गया है. असम सरकार में मंत्री जयंत माला बरुआ ने मीडिया से बात करते हुए इसे राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने की दिशा में अहम कदम बताया है. 2011 की जनगणना के मुताबिक असम में 34 प्रतिशत आबादी मुसलमानों की है.
हिमंत बिस्वा सरमा ने देर रात किए एक ट्वीट में कहा, असम कैबिनेट ने पुरातन असम मुस्लिम विवाह अधिनियम को निरस्त करने का निर्णय लिया है. इस कानून में दुल्हन और दूल्हे के 18 और 21 साल की उम्र के ना होने पर शादी के कानूनी प्रावधान थे. ये असम में बाल विवाह रोकने की दिशा में एक और अहम क़दम है. मीडिया से बात करते हुए मंत्री जयंत माला बरुआ ने कहा, अब इस कानून के जरिये मुसलमानों की शादी या तलाक का पंजीकरण नहीं किया जा सकेगा. राज्य में विशेष विवाह अधिनियम है, अब इसके तहत शादियां पंजीकृत होंगी.
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