नई दिल्ली। सुंदर समुद्र तट, हरे-भरे जंगलों और धुंध भरी पहाड़ियों के लिए मशहूर केरल को अक्सर “ईश्वर का अपना देश” कहा जाता है। प्रकृति ने इस राज्य में ऐसी कृपा बरसाई है कि एक बार जो वहां जाएं तो लौटने का मन नहीं करता है। अब इसी केरल राज्य का नाम बदला जा रहा है। केरल सरकार ने राज्य का नाम बदलने का फैसला किया है। केरल विधानसभा ने सोमवार को सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें केंद्र से राज्य का नाम ‘केरल’ से बदलकर आधिकारिक तौर पर ‘केरलम’ करने का आग्रह किया है।
‘केरल’ से बदलकर ‘केरलम’
केरल राज्य की पिनाराई विजयन सरकार ने बीते दिन यानी 24 जून को सर्वसम्मति से केरल विधानसभा में एक प्रस्ताव पास किया है। इस प्रस्ताव में राज्य का नाम ‘केरल’ से बदलकर ‘केरलम’ करने के लिए संविधान संशोधन करने की बात कही गई। विधानसभा में मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने पेश किए गए प्रस्ताव में पहली अनुसूची में इस बदलाव को लागू करने के लिए भारतीय संविधान के अनुच्छेद 3 को लागू करने का आह्वान किया है।
क्यों बदला जा रहा है नाम
आप सबके मन में यह सवाल उठ सकता है कि आखिर क्या वजह है कि केरल का नाम बदला जा रहा है। इसके लिए केरल के सीएम का वह बयान ही पढ़ते हैं जो प्रस्ताव पेश करते हुए कहा था। मुख्यमंत्री ने प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि राज्य को मलयालम में ‘केरलम’ कहा जाता है और मलयालम भाषी समुदायों के लिए एकीकृत केरल बनाने की मांग राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम के समय से ही जोरदार तरीके से उठती रही है। विजयन ने कहा कि लेकिन संविधान की पहली अनुसूची में हमारे राज्य का नाम केरल लिखा हुआ है। यह विधानसभा, केंद्र सरकार से अनुरोध करती है कि संविधान के अनुच्छेद-3 के तहत इसे ‘केरलम’ के रूप में संशोधित करने के लिए
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