अमेरिका में 35 लाख भारतीयों पर डिपोर्टेशन का खतरा, 14 लाख पंजाबी सबसे ज्यादा प्रभावित
अमेरिका में वर्षों से रह रहे 35 लाख भारतीयों पर अब डिपोर्टेशन (निर्वासन) की तलवार लटक रही है।
- Published On :
20-Feb-2025
(Updated On : 20-Feb-2025 11:08 am )
अमेरिका में 35 लाख भारतीयों पर डिपोर्टेशन का खतरा, 14 लाख पंजाबी सबसे ज्यादा प्रभावित
अमेरिका में वर्षों से रह रहे 35 लाख भारतीयों पर अब डिपोर्टेशन (निर्वासन) की तलवार लटक रही है। इनमें 14 लाख से अधिक लोग पंजाब के हैं। ट्रंप प्रशासन ने अवैध प्रवासियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है और अब तक 332 भारतीयों को अमेरिका से डिपोर्ट कर भारत भेजा जा चुका है, जिनमें 128 लोग पंजाब के थे।
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इमिग्रेशन जजों की बर्खास्तगी से बढ़ी चिंता
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अप्रत्याशित रूप से 20 इमिग्रेशन जजों को बर्खास्त कर दिया है, जिससे उन 35 लाख लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं, जिन्होंने शरणार्थी दर्जे के लिए आवेदन किया था। इस फैसले से मामलों के निपटारे में और देरी होगी, जिससे कई वर्षों से अमेरिका में रह रहे 14 लाख पंजाबी अप्रवासियों का निर्वासन संभव हो सकता है।
ट्रंप सरकार का सख्त रुख
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ट्रंप प्रशासन अवैध प्रवासियों को निकालने की नीति पर तेजी से काम कर रहा है।
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न्याय विभाग ने निर्वासन का सामना कर रहे अप्रवासियों को कानूनी सहायता देने वाली संस्थाओं की फंडिंग भी रोक दी है।
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इमिग्रेशन मामलों को तेजी से निपटाने के लिए नए जजों पर दबाव डाला जा रहा था, लेकिन अब जजों की बर्खास्तगी से मामले और उलझ सकते हैं।
कनाडा में भी इमिग्रेशन प्रक्रिया होगी धीमी
अमेरिका के साथ-साथ कनाडा में भी इमिग्रेशन प्रक्रिया पर असर पड़ा है।
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कनाडा के इमिग्रेशन विभाग (IRCC) ने अगले तीन वर्षों में 25% कर्मचारियों की कटौती की घोषणा की है।
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22 लाख से अधिक आवेदन लंबित होने के कारण, अब वहां भी पीआर (परमानेंट रेजिडेंसी) प्रक्रिया धीमी हो जाएगी।
क्या होगा आगे?
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यदि ट्रंप प्रशासन डिपोर्टेशन को सख्ती से लागू करता है, तो लाखों भारतीयों को अमेरिका छोड़ना पड़ सकता है।
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कानूनी दर्जा पाने की प्रक्रिया लंबी और कठिन हो सकती है, जिससे अप्रवासियों के सामने नई चुनौतियां खड़ी होंगी।
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भारत में रह रहे उनके परिवारों में भी अनिश्चितता और चिंता का माहौल बना हुआ है।
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