भारत का कड़ा संदेश: आतंकवाद का कोई औचित्य नहीं
संयुक्त राष्ट्र में भारत ने साफ कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा।
- Published On :
20-Feb-2025
(Updated On : 20-Feb-2025 11:05 am )
भारत का कड़ा संदेश: आतंकवाद का कोई औचित्य नहीं
संयुक्त राष्ट्र में भारत ने साफ कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा। भारत ने पाकिस्तान द्वारा फैलाए जा रहे झूठ और दुष्प्रचार की आलोचना की और कहा कि आतंकवाद का कोई भी कारण या मकसद स्वीकार्य नहीं हो सकता।

परवथानेनी हरीश ने कहा:पाकिस्तान खुद को आतंकवाद के खिलाफ लड़ने वाला देश बताता है, लेकिन असलियत यह है कि वह आतंकी संगठनों को समर्थन देकर वैश्विक शांति के लिए खतरा बना हुआ है।
भारत ने गिनाए पाकिस्तान के आतंकी संगठनों के सबूत
भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाए:
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जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों को सीमा पार से समर्थन मिलता है, जिससे भारत में हिंसा होती है।
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पाकिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 अल-कायदा प्रतिबंध समिति द्वारा सूचीबद्ध कई आतंकी संगठन और व्यक्ति मौजूद हैं।
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इन संगठनों पर संपत्ति जब्त करने, हथियारों की आपूर्ति रोकने और यात्रा प्रतिबंध लगाने का प्रावधान है, लेकिन पाकिस्तान ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।
जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र मजबूत, पाकिस्तान में हालात खराब
भारत ने संयुक्त राष्ट्र को बताया कि हाल ही में जम्मू-कश्मीर में चुनाव संपन्न हुए, जिसमें जनता ने बड़े उत्साह के साथ मतदान कर अपनी सरकार चुनी। यह इस बात का प्रमाण है कि वहां लोकतंत्र मजबूत और जीवंत है। इसके विपरीत, पाकिस्तान खुद जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्सों पर अवैध कब्जा किए हुए है, जहां हालात बेहद खराब हैं।
भारत ने UNSC से की अपील: आतंकवाद पर दोहरे मानदंड खत्म हों
भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से आग्रह किया कि वह "अच्छे" और "बुरे" आतंकवादियों के बीच अंतर न करे। भारत का कहना है कि आतंकवाद किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है और इस पर बिना किसी भेदभाव के कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के इस सख्त रुख से एक बार फिर साफ हो गया कि आतंकवाद को लेकर भारत किसी तरह की नरमी बरतने के मूड में नहीं है।
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