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कम नहीं हो रही माधवी बुच की मुसीबतें, अब संसदीय लोक लेखा समिति करेगी जांच, आरोपों पर होंगे सवाल

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद विपक्ष ने भी लगाए थे कई आरोप

नई दिल्ली। हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद से ही सेबी चीफ माधवी पुरी बीच विवादों में हैं। सेबी के कर्मचारयों ने भी वित्त मंत्रालय से उनके व्यवहार को लेकर शिकाय की है। इस मामले में गुरुवार को कर्मचारियों ने प्रदर्शन भी किया था। अब संसदीय लोक लेखा समिति (पीएसी) बुच के खिलाफ आरोपों की जांच करने जा रही है। इस महीने के अंत में उन्हें तलब कर सकती है। 29 अगस्त को पैनल की पहली बैठक में कई सदस्यों ने सेबी के कामकाज को लेकर सवाल उठाए थे। इसके बाद इसे पीएसी के एजेंडे में जोड़ा गया था।

माधवी बुच पर हाल ही में जारी हिंडनबर्ग रिसर्च ने गंभीर आरोप लगाए थे। इसमें कहा गया था कि अडानी समूह के खिलाफ जांच में सेबी ने लापरवाही बरती है। विपक्षी दलों ने इस मामले की स्वतंत्र जांच की मांग की थी।  पक्ष ने कहा था कि यह राष्ट्रीय हित में है क्योंकि विदेशी निवेशक चिंतित हो रहे हैं। पीएसी अगली बैठक 10 सितंबर को है, लेकिन यह जल जीवन मिशन के ऑडिट समीक्षा तक सीमित रहेगा। हो सकता है आगामी बैठकों में बुच को तलब किया जाए। कांग्रेस सेबी चीफ बुच पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। इनमें आईसीआीसीआई बैंक से रिटायरमेंट के बाद भी सैलरी लेने का मामला शामिल था।

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