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एड्स दिवस पर इंदौर में बोले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा-एचआईवी पीड़ितों को मुख्य धारा में शामिल करना जरूरी

स्वास्थ्य मंत्री ने मध्यप्रदेश को मेडिकल एजुकेशन में अग्रणी बताया

इंदौर। एचआईवी के खिलाफ हमने एक लंबी लड़ाई लड़ी है। पहले जहां एड्स का मतलब मौत था, अब इस बीमारी से पीड़ित पत्नी-पत्नी लंबा जीवन जी रहे हैं। इतना ही नहीं उनके बच्चे भी सरवाइव कर रहे हैं। भारत सरकार के प्रयासों से अब एड्स मरीजों को इलाज के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ता। बीमारी का पता लगते ही इलाज शुरू हो जाता है और दवाएं भी मुफ्त दी जा रही हैं।

यह बात केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने रविवार को कही। वे राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन द्वारा विश्व एड्स दिवस पर देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी के खंडवा रोड स्थित ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि एड्स की रोकथाम के लिए हम सब लोग समर्पित हैं। आज के दिन हमें संकल्प करना चाहिए कि हम नई ऊर्जा लेकर एड्स की रोकथाम में लगाएंगे। मैं आपसे निवेदन करूंगा कि आप सब लोग एड्स के साथ जी रहे लोगों की स्थिति को समझें, जानें और उनके मानव अधिकारों की रक्षा करें।

पहले अवेयरनेस के बारे में पता ही नहीं था

नड्‌डा ने कहा कि एड्स की लड़ाई एक लंबी लड़ाई है जो समाज ने और देश ने लड़ी है। नौजवानों ने वह काला दौर देखा नहीं है। इसलिए आपको मालूम नहीं कि एड्स का मतलब क्या है। 80 के दशक में कोई एचआईवी पीड़ित के नजीदक छू भी जाए तो वह मौत के करीब चला जाता था। हमें बताया जाता था कि इसे एड्स है। पिता मरा, माता मरी और कुछ महीने बाद बेटा मरा। पूरा परिवार समाप्त हो जाता था। लोगों को पता ही नहीं था की कैसे अवेयर हों। आज स्थिति बदल गई है।

भारत सरकार ने मुफ्त दवा देनी शुरू की

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पहले एचआईवी की दवा नहीं थी। जब दवा आई तो  इतनी कीमती थी कि गरीब आदमी ले नहीं सकता था। पहली बार भारत सरकार ने फ्री दवा देनी शुरू की गई। पहले ट्रीटमेंट के लिए भी लंबा इंताजार होता था। 2017 में पीएम नरेंद्र मोदी ने टेस्ट एंड ट्रीट का आदेश दिया। अब टेस्ट के बाद ही इलाज शुरू हो जाए।  2023 में नए मरीजों की संख्या 44 प्रतिशत घटी। 79 प्रतिशत मौत भी कम हुई है।

मध्यप्रदेश में 14 नए मेडिकल कॉलेज खुले हैं

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में अब मेडिकल कॉलेजों की संख्या 31 हो गई है और सीटों की संख्या 151 प्रतिशत बढ़ी है। अब यहां 5100 मेडिकल सीटें है। मध्यप्रदेश मेडिकल एजुकेशन के क्षेत्र में लीडिंग स्टेट हो गया है। मध्यप्रदेश स्वास्थ्य के क्षेत्र में काफी तरक्की कर रहा है।

प्रदेश में मेडिकल कॉलेज खोलना हुआ आसान : सीएम

सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि इसी सभागृह के एक कार्यक्रम में हमने आपसे कहा था मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के कामकाज के तरीके से मेडिकल कॉलेज खोलने में परेशानी हो रही है। इतनी कठिनाई आती थी कि पता नहीं क्या क्या होता है। आपने उस मूल बीमारी की जड़ खत्म कर दिया। अब पूरे देश के अंदर मेडिकल कालेज की संख्या डबल हुई है। इसका श्रेय आपको और मोदीजी को जाता है। मध्यप्रदेश में 2005 में पांच मेडिकल कॉलेज थे,अब 30 मेडिकल संचालित हो रहे हैं। नीमच, मंदसौर, सिवनी के कॉलेज आपने दिए हैं। दो साल के अंदर मध्यप्रदेश में 50 मेडिकल कॉलेज बनकर तैयार हो जाएंगे। कोविड की चुनौती के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने स्वास्थ्य विभाग के प्रति लोगों में विश्वास जगाया। पीएम के नेतृत्व में भारत भी सुरक्षित हुआ और भारत ने कई देशों के लोगों की जिंदगियां बचाई हैं। कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला और जगदीश देवड़ा, मंत्री नरेंद्र पटेल भी उपस्थित थे।

इंदौर में हुआ जोरदार स्वागत

केंद्रीय मंत्री नड्‌डा का इंदौर विमानतल पर सीएम डॉ.मोहन यादव, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, विधायक रमेश मेंदोला, गोलू शुक्ला सहित अनेक नेताओं ने स्वागत किया। रास्ते में भी कई स्थानों पर नड्‌डा का स्वागत किया गया। इस दौरान उन्हें एक गदा भी भेंट की गई। कार्यक्रम में सीएम यादव ने नड्‌डा का महाकाल की प्रतिकृति देकर स्वागत किया।

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