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नरेंद्र सलूजा की फितरत से संकट में मोनू भाटिया, सीएम हाउस के कार्यक्रम में नहीं ले जाने पर श्री गुरुसिंह सभा में बवाल

सलूजा के कहने में आकर अन्य पदाधिकारियों को भोपाल नहीं ले गए भाटिया

इंदौर। करीब 12 साल बाद इंदौर में हुए श्री गुरुसिंघ सभा के चुनाव में संगत ने मोनू भाटिया को अध्यक्ष बनाकर परिवर्तन का संकेत दिया था। तब ऐसा लगा कि मोनू भाटिया सबको साथ लेकर चलेंगे और पुराने अध्यक्ष से अलग समाज हित में कुछ नया करेंगे। लेकन, ऐसा होता नजर नहीं आ रहा। सीएम हाउस में रविवार को गुरु नानक देवजी के प्रकाश पर्व पर आयोजित कार्यक्रम में मोनू भाटिया अपने कुछ समर्थकों को लेकर पहुंच गए, जबकि श्री गुरुसिंघ सभा के अन्य पदाधिकारियों और सदस्यों को नहीं पूछा गया। इसके कारण बवाल मच गया है। अब श्री गुरुसिंघ सभा के पदाधिकारी और सदस्य इस पर सवाल उठा रहे हैं।

HBTV NEWS के पास ऐसे बहुत सारे ऑडियो मौजूद हैं, जिनसे इस मामले पर संगत में मचे बवाल की पुष्टि हो रही है। एक ऑडियो अध्यक्ष मोनू भाटिया का है जिसमें वे कह रहे हैं कि सीएम हाउस में श्री गुरुसिंघ सभा का कोई कार्यक्रम नहीं है। बस की व्यवस्था की बात भी गलत है जो जाना चाहे जा सकता है। एक अन्य ऑडियो में एक पदाधिकारी द्वारा कहा जा रहा है कि श्री गुरुसिंघ सभा के तत्वावधान में कोई आमंत्रण नहीं है और मैंने कोई मैसेज नहीं चलाया है। जिसे जाना हो जा सकता है।

एक पदाधिकारी ने कहा-लोग हंस रहे हैं

एक वर्तमान पदाधिकारी का ऑडियो भी हमारे पास है, जिसमें वे जबरदस्त तरीके से नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। उनका कहना है कि उनके पास पचासों फोन आ गए। लोगों को क्या बोलूं कि आमंत्रण नहीं था। अध्यक्ष महोदय का जिक्र कर उन्होंने कहा कि वे सिर्फ अपने लोगों को ले गए, जबकि श्री गुरुसिंघ सभा से जीते हैं। पदाधिकारी का दर्द था कि लोग हंस रहे हैं कि आखिर हो क्या रहा है।

नाराज पदाधिकारियों ने बुलाई बैठक

इस घटना से नाराज पदाधिकारियों ने खातीवाला टैंक में एक बैठक भी बुलाई। एक ऑडियो संदेश में श्री गुरुसिंघ सभा के एक पदाधिकारी ने सभी 19 सदस्यों को इस बैठक में अनिवार्य रूप से आने को कहा है। इसमें यह भी कहा गया है कि जिसकी जो समस्या हो वह नोट कर के ले आए इस पर चर्चा होगी।

विवाद की जड़ में प्रदेश प्रवक्ता सलूजा

दरअसल सीएम ने कार्यक्रम के सफलतापूर्वक आयोजन के लिए श्री गुरुसिंघ सभा का धन्यवाद माना। यह संदेश जब पदाधिकारियों तक पहुंचा तो हंगामा शुरू हो गया। तब तलाश शुरू हुई कि यह गफलत कैसे हुई। पता चला कि भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने अपनी झांकी जमाने के लिए मोनू भाटिया तक गलत संदेश पहुंचाया। वे पहले भी ऐसा कर चुके हैं। जब कमलनाथ सीएम थे तब भी सिख समाज के एक मामले में विवाद की स्थिति बनी थी। इसकी जड़ में भी नरेंद्र सलूजा ही थे।

सलूजा के चक्कर में मोनू संकट में

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता सलूजा की ऐसी ही फितरत रही है। वह अपनी झांकी के लिए कुछ भी कर सकते हैं। उनके बारे में कहा जाता है कि जो व्यक्ति अपनी पार्टी का नहीं हुआ वह किसका होगा। अब संगत का कहना है कि श्री गुरुसिंघ सभा के नियमों के अनुसार एक साल में चुनाव होना चाहिए। अगर मोनू भाटिया का ऐसा ही रवैया रहा तो अगले साल चुनाव कराने पर विचार करेंगे। सलूजा के चक्कर में मोनू भाटिया मुसीबत में आ गए हैं और अब श्री गुरुसिंघ सभा के सदस्यों से माफी मांगते फिर रहे हैं।

सीएम करवाएं जांच, दोषियों को दें सजा

सीएम ने सामाजिक तौर पर यह आयोजन किया था। वे कभी नहीं चाहेंगे कि ऐसे आयोजनों से कोई विवाद हो और उनकी छवि खराब हो। चूंकि सीएम इंदौर के प्रभारी भी हैं, इसलिए सामाजिक लोग उनसे जुड़ना चाहते हैं। इसमें सीएम और इंदौर का ही फायदा है, लेकिन इस आयोजन में ऐसा नहीं हुआ। अब सीएम को इसकी जांच करानी चाहिए। यह पता लगाना चाहिए कि किस स्तर पर गलती हुई है। आगे से किसी कार्यक्रम में इस तरह की गलतफहमी न हो इसके लिए दोषियों पर कार्रवाई होनी ही चाहिए।

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