इंदौर। नाम का एस्टेरॉयड तेजी से पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है। 86.76 फीट व्यास वाले इस एस्टेरॉयड की रफ्तार 30,204 किलोमीटर प्रति घंटा है। करीब आठ मंजिला इमारत जितना बड़ा यह एस्टेरॉयड धरती के काफी दूर से गुजरेगा और इससे कोई खतरा नहीं है। 10 जुलाई को 14:51 UTC पर यह पृथ्वी के सबसे करीब होगा। उस समय धरती से एस्टेरॉयड की दूरी लगभग 43.5 लाख किलोमीटर होगी। बहुत ज्यादा संभव हुआ तो यह धरती के 43.1 लाख किलोमीटर दूर से गुजरेगा। धरती से इसकी अधिकतम दूरी 43.9 लाख किलोमीटर होगी। वैज्ञानिकों के अनुसार, पृथ्वी के करीब से गुजरते समय एस्टेरॉयड की स्पीड 8.39 किलोमीटर प्रति सेकेंड रहेगी।
2024 ME1 अमोर ग्रुप का एस्टेरॉयड है। ये वैसे एस्टेरॉयड्स होते हैं जिनकी कक्षा और धरती की कक्षा एक-दूसरे के करीब होती है लेकिन यह उन्हें पार नहीं करते। ऐसे एस्टेरॉयड्स आमतौर पर धरती के रास्ते से अलग रहकर सूर्य की परिक्रमा करते हैं। ऐसे में जब वे पृथ्वी के करीब से गुजरते हैं, एस्ट्रोनॉमर्स की दिलचस्पी बढ़ जाती है।
10 जुलाई 2024 के बाद यह एस्टेरॉयड (2024 ME1) अगली बार 9 दिसंबर, 2027 को धरती के पास से गुजरेगा। उस दौरान यह पृथ्वी से करीब 68.67 मिलियन किलोमीटर दूर होगा। 2027 में यह धरती के लगभग 67.39 मिलियन किलोमीटर पास तक आ सकता है। उस वक्त 2024 ME1 की अधिकतम रफ्तार 9.31 किलोमीटर प्रति सेकेंड रहेगी।
इसरो चीफ ने कहा- संभव है टक्कर
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के चेयरमैन एस सोमनाथ के मुताबिक, हमें किसी एस्टेरॉयड की पृथ्वी से संभावित टक्कर के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने बताया कि हाल ही में उन्होंने शूमेकर-लेवी नामक एक एस्टेरॉयड को बृहस्पति से टकराते हुए देखा। उन्होंने कहा कि अगर ऐसी घटना पृथ्वी पर हुई तो हम सभी विलुप्त हो जाएंगे।
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