इंदौर। नगर निगम के एक और भ्रष्ट अधिकारी के घर आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्लू) ने आज छापा मारा है। बेलदार से एआरओ बने नगर निगम के राजस्व अधिकारी राजेश परमार के घर और ऑफिस पर छापे की कार्रवाई के दौरान अनेक संपत्तियों के दस्तावेज मिले हैं। अब तक एक बंगला, चार फ्लैट और दो प्लॉट के दस्तावेज बरामद हुए हैं। टीम अभी भी संपत्ति का सर्वेक्षण कर रही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार ईओडब्ल्यू की एक टीम इंदौर के बिजलपुर स्थित परमार के घर पहुंची और स्थानीय पुलिस की मदद से तलाशी ली। वहीं, दूसरी टीम उनके ऑफिस गई, जो बंद मिला। जांच अधिकारियों ने बताया कि परमार के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की शिकायत दर्ज थी, जिसके आधार पर यह कार्रवाई की गई। ईओडब्ल्यू डीएसपी मधुर रीना गौड़ के अनुसार छानबीन के दौरान अब तक कई संपत्ति के दस्तावेज मिले हैं। हालांकि, अभी जांच जारी है, इसलिए संपत्तियों की सही कीमत नहीं बताई जा सकती, लेकिन यह राशि करोड़ों में होने की संभावना है।
हाल ही में किया गया था निलंबित
नगर निगम में भ्रष्टाचार का आलम यह है कि यहां बेलदार भी करोड़पति निकलते है। राजेश परमार ने भी बेलदार के रूप में ही निगम में नौकरी की शुरुआत की थी। बाद में प्रमोशन पाकर वह सहायक राजस्व अधिकारी बन गए। नगर निगम में नौकरी के दौरान उन्होंने अपने और परिवार के नाम पर कई घर, प्लॉट और अन्य संपत्तियां खरीदीं। इंदौर नगर निगम आयुक्त ने अनियमितताओं के चलते राजेश परमार को निलंबित कर दिया था। उन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे थे।
पार्षद रुबिना खान ने निगमायुक्त से की थी शिकायत
वार्ड 39 की कांग्रेस पार्षद रुबिना खान ने 20 अक्टूबर 2024 को निगमायुक्त से उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में आरोप लगाया गया कि परमार दरोगा पद पर थे, लेकिन उन्हें प्रभारी एआरओ बना दिया गया। उन्होंने जोन-19 में बेटरमेंट शुल्क की वसूली में गड़बड़ी कर भ्रष्टाचार किया। इसके अलावा, बिना अनुमति विदेश यात्रा करने का भी आरोप उन पर लगाया गया। रुबिना खान ने महापौर, आयुक्त और राजस्व समिति प्रभारी सहित अन्य अधिकारियों को प्रमाणों के साथ शिकायत सौंपी थी। उन्होंने मांग की थी कि परमार को तत्काल बर्खास्त कर उनके कार्यकाल की गहन जांच कराई जाए। परमार पर बिना अनुमति विदेश यात्रा करने का भी आरोप है।
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