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चौराहों की पहेली सुलझाने मैदान में उतरे कलेक्टर, हमने कल ही ‘घुमक्कड़’ में उठाया था ‘मधुमिलन चौराहे’ का मामला

दूसरे विभागों की गलतियों से जनता को बचाने की कोशिश में जुटे कलेक्टर

अफसरों के साथ मधुमिलन चौराहे की पहेली समझते कलेक्टर आशीष सिंह

इंदौर। एचबीटीवीन्यूज ने कल यानी 30 जुलाई को नगर निगम बजट पर अपने कॉलम ‘घुमक्कड़’ में शहर के विकास कार्यों पर सवाल उठाए थे। हमने इसके लिए मधुमिलन चौराहे का उदाहरण दिया था, जो कम से कम नगर निगम तथा यातायात विभाग के लिए एक पहेली बनकर रह गया है। आज यानी 31 जुलाई को कलेक्टर आशीष सिंह अफसरों के साथ शहर के चौराहों की पहेली सुलझाने निकले, मधुमिलन चौराहे की हालत देख वे भी दंग रह गए। यह विडंबना है कि ऐसे कामों के लिए भी कलेक्टर को मैदान संभालना पड़ रहा है।

बुधवार को कलेक्टर आशीष सिंह ने 10 चौराहों का निरीक्षण किया। इस दौरान इन्होंने चौराहों में ट्रैफिक को बेहतर करने के निर्देश दिए। शुरुआत गीता भवन चौराहे से की। इसके बाद पहेली बने मधुमिलन चौराहे पर पहुंचे। यहां काफी देर रुक कर व्यवस्थाएं देखते रहे और अधिकारियों से विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि यहां जल्द ही ऐसी व्यवस्था बनाई जाए जिससे वाहन चालकों को किसी भी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पडे़। यातायात भी जाम नहीं हो। उन्होंने यहां यातायात को सुगम करने की हर संभावनाओं पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि यहां ग्रेड सेपरेटर/फ्लाईओवर बनाने की संभावनाएं भी देखी जाए। ऐसी व्यवस्था यहां करें, जिसका लाभ लंबे समय तक मिले। इसके बाद छावनी चौराहा, जीपीओ चौराहा, नवलखा चौराहा, भंवरकुआ चौराहा, चोइथराम चौराहा, चाणक्यपुरी चौराहा, अन्नपूर्णा रोड़, महू नाका चौराहा और गंगवाल बस स्टैण्ड चौराहा की ट्रैफिक व्यवस्था देखी। कलेक्टर ने गंगवाल बस स्टैण्ड चौराहा सहित अन्य चौराहों को भी सुगम यातायात के अनुकूल बनाने के निर्देश दिए। कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि चौराहों पर यातायात सुगम बनाने के लिए चौराहावार कार्ययोजना बनाई जाएगी। इस कार्ययोजना को जन प्रतिनिधियों से चर्चा के उपरांत अंतिम रूप दिया जाएगा।

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