प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जिस दिन हिंदू-मुसलमान करूंगा, उस दिन सार्वजनिक जीवन में रहने योग्य नहीं रहूंगा। मैं कभी हिंदू-मुसलमान नहीं करूंगा, यह मेरा संकल्प है। सरकारी योजनाओं के माध्यम से लाभार्थियों को लाभान्वित कराते समय जाति या धर्म नहीं देखता हूं।प्रधानमंत्री मोदी से सवाल पूछा गया कि स्टेज पर जब आपने मुसलमानों का जिक्र किया तो घुसपैठिया और ज्यादा बच्चे पैदा करने वाला कहा। इसकी क्या जरूरत थी?
इस पर प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं हैरान हूं कि इसे मुसलमानों से जोड़ा जा रहा है। जबकि, हमने इसके पहले न हिंदू कहा था और न मुसलमान कहा था। हमारे यहां किसी भी समाज में जहां गरीबी ज्यादा है, वहां बच्चे ज्यादा हैं। हमारा इतना ही कहना है कि उतने ही बच्चे हों, जिनका लालन-पालन आप आसानी से कर सकें।एक अन्य सवाल के जवाब में प्रधानमंत्री ने कहा कि चुनाव में राम मंदिर पहले भी मुद्दा नही था, आज भी नहीं है और भविष्य में भी नहीं रहेगा। राम मंदिर श्रद्धा का मुद्दा है। जिन्होंने राम मंदिर के निमंत्रण को ठुकरा दिया, उनको डर लगता है कि यह पाप अब हमें मार देगा। वह बहुत चिंता में हैं
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