जस्टिन ट्रूडो का इस्तीफ़ा: कनाडा में नेतृत्व परिवर्तन और राजनीतिक हलचल
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सत्ताधारी लिबरल पार्टी के नेता और प्रधानमंत्री पद से इस्तीफ़ा देने की घोषणा की है। हालांकि, लिबरल पार्टी का नया नेता चुने जाने तक वह प्रधानमंत्री पद पर बने रहेंगे। प्रेस कॉन्फ़्रेंस में ट्रूडो ने कहा, प्रधानमंत्री के रूप में हर दिन सेवा करना मेरे लिए गर्व की बात रही। हमने महामारी, मजबूत लोकतंत्र और बेहतर कारोबार के लिए काम किया। 2015 से मैं कनाडा और इसके हितों की रक्षा के लिए प्रयासरत रहा।
उन्होंने अपनी उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने मध्य वर्ग को मजबूत करने, महामारी के दौरान एकजुटता बनाए रखने और कनाडा की स्थिति को बेहतर बनाने का काम किया।
ट्रूडो के इस्तीफ़े के बाद पार्टी के नए नेता को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं। टोरंटो की सांसद और पूर्व उपप्रधानमंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड, परिवहन मंत्री अनिता आनंद, विदेश मंत्री मेलनी जोली और पूर्व सेंट्रल बैंकर मार्क कार्नी संभावित दावेदारों में शामिल हैं।
ट्रूडो के नौ साल लंबे शासन के दौरान उनकी लोकप्रियता में गिरावट आई थी। पार्टी के भीतर दबाव और आगामी चुनाव में हार की आशंका ने इस्तीफ़े का रास्ता साफ़ किया। इसके अलावा, भारत के साथ बिगड़ते रिश्ते और अमेरिका के साथ व्यापारिक तनाव ने उनकी चुनौतियों को और बढ़ा दिया।
कनाडा में अक्टूबर से पहले चुनाव होने की संभावना है। ट्रूडो के इस्तीफ़े से लिबरल पार्टी को नए नेतृत्व के साथ चुनावी मैदान में उतरने का मौका मिलेगा। अब देखना होगा कि पार्टी अगले चुनाव में देश की जनता का विश्वास जीत पाती है या नहीं।
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