इमरान खान का आंदोलन का ऐलान: तानाशाही और मानवाधिकार उल्लंघन का आरोप
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक्स पर एक लंबा पोस्ट साझा किया, जिसमें उन्होंने देश में तानाशाही और मानवाधिकार उल्लंघन का आरोप लगाया।
- Published On :
06-Dec-2024
(Updated On : 06-Dec-2024 12:42 pm )
इमरान खान का आंदोलन का ऐलान: तानाशाही और मानवाधिकार उल्लंघन का आरोप
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पीटीआई के अध्यक्ष इमरान खान ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर एक लंबा पोस्ट साझा किया, जिसमें उन्होंने देश में तानाशाही और मानवाधिकार उल्लंघन का आरोप लगाया।
पोस्ट की मुख्य बातें:
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तानाशाही का आरोप:
इमरान खान ने दावा किया कि पाकिस्तान में तानाशाही स्थापित हो चुकी है। उन्होंने कहा कि निर्दोष और शांतिपूर्ण राजनीतिक कार्यकर्ताओं पर हिंसा की गई और उन्हें शहीद किया गया।
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न्यायिक हस्तक्षेप की मांग:
पोस्ट में सुप्रीम कोर्ट और अन्य उच्च न्यायालयों से अपील की गई कि वे मानवाधिकार उल्लंघनों और राजनीतिक कैदियों के मुद्दे पर संज्ञान लें।
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शहीदों के सम्मान में सभा:
इमरान खान ने 13 दिसंबर को पेशावर में शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए एक भव्य सभा आयोजित करने का एलान किया। इसमें विपक्षी दलों को भी भाग लेने के लिए आमंत्रित किया जाएगा।
उन्होंने विचाराधीन राजनीतिक कैदियों की रिहाई और 9 मई और 26 नवंबर की घटनाओं की पारदर्शी जांच के लिए न्यायिक आयोग के गठन की मांग की।अगर उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं, तो उन्होंने 14 दिसंबर से सविनय अवज्ञा आंदोलन और बहिष्कार अभियान शुरू करने का ऐलान किया।
पिछले विरोध प्रदर्शन का जिक्र:
इमरान खान ने 26 नवंबर को हुए विरोध प्रदर्शन का भी उल्लेख किया, जिसमें उनकी पत्नी बुशरा बीबी के नेतृत्व में इस्लामाबाद में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया गया था। इस दौरान हुई पुलिस कार्रवाई और गिरफ्तारी के बाद पीटीआई ने प्रदर्शन वापस ले लिया था।
इमरान खान ने अपने संदेश के माध्यम से सरकार पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए व्यापक विरोध आंदोलन की रूपरेखा पेश की है। उन्होंने न्यायिक संस्थाओं से सक्रिय भूमिका निभाने की अपील की है और आंदोलन के जरिए राजनीतिक और मानवाधिकार मुद्दों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाने की तैयारी की है।
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