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केंद्र सरकार ने किया पद्म पुरस्कारों का ऐलान, 139 हस्तियों में मध्यप्रदेश की पांच हस्तियों को पद्मश्री

इंदौर के लोकगायक भेरूं सिंह चौहान को भी मिला पद्मश्री

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर शनिवार को पद्म पुरस्कार 2025 का ऐलान कर दिया है।। इनमें 7 हस्तियों को पद्म विभूषण, 113 को पद्म श्री और 19 को पदम भूषण से नवाजा गया है। कुल 139 हस्तियों को मध्यप्रदेश की सैली होलकर, जगदीश जोशीला, भेरू सिंह चौहान, बुधेंद्र कुमार जैन और हरचंदन सिंह भाटी को भी पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
82 वर्षीय सैली होलकर को पद्मश्री से सम्मानित किया जाएगा। इन्हें होल्कर आशा के बुनकर के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने 300 साल पुराने माहेश्वरी हैंडलू इंडस्ट्री को पुनर्जीवित करने में अहम योगदान दिया है। एमपी के 75 वर्षीय निमादी और हिंदी लेखक जगदीश जोशीला को भी पद्मश्री से सम्मानित किया जाएगा। वह पहले निमादी लेखक हैं। मध्यप्रदेश के निर्गुण भक्ति के भेरू सिंह चौहान को निर्गुण भजन और मालवा संस्कृति में अहम भूमिका निभाने के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया जाएगा। बुधेंद्र कुमार जैन और हरचंदन सिंह भट्टी भी इस लिस्ट में शामिल हैं।
इंदौर के लोक गायक हैं भेरू सिंह चौहान
भैरू सिंह चौहान इंदौर के महू स्थित गांव बजरंगपुरा के निवासी हैं। फिलहाल वे इंदौर में रहते हैं। वे भक्ति संगीत की मंडलियों में भजन गाया करते थे। संत कबीर, गोरक्षनाथ, संत दादु, संत मीराबाई, पलटुदास और अन्य संतों की वाणियों को गाया करते थे। उन्हें ये कला विरासत में मिली है। इनके पिता माधु सिंह चौहान भी लोक गायन किया करते थे।
निमाड़ी लेखक हैं जगदीश जोशीला
निमाड़ के उपन्यासकार जगदीश जोशीला (76) गोगांवा पांच दशक से हिंदी साहित्य व लोकभाषा निमाड़ी में सृजन कर रहे हैं। उन्होंने साहित्य की हर विधा में कलम चलाई है। उनकी 60 से ज्यादा पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। उनके उपन्यास देवीश्री अहिल्याबाई, जननायक टंट्या मामा, संत सिंगाजी, राणा बख्तावर सिंह, आद्यगुरु शंकराचार्य समेत कई ऐतिहासिक उपन्यास चर्चित रहे हैं।
चिकित्सा के क्षेत्र में डॉ.बुधेंद्र कुमार जैन
भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, चित्रकूट के सदगुरु सेवा संघ ट्रस्ट जानकी कुंड के डायरेक्टर एवं ट्रस्टी डॉ. बुधेंद्र कुमार जैन को चिकित्सा के क्षेत्र में पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित किया गया है। सदगुरु सेवा संघ ट्रस्ट के प्रसिद्ध चित्रकूट नेत्र चिकित्सालय में दीर्घ काल से नेत्र रोगियों को सेवा प्रदान कर रहे जैन का जन्म सतना में ही हुआ और उन्होंने शासकीय वेंकट क्रमांक एक विद्यालय से प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण की।
सैली होलकर ने दी माहेश्वरी साड़ी की पहचान
82 वर्षीय सैली होलकर ने महेश्वरी हैंडलूम को पुनर्जीवित करने में अपनी जिंदगी समर्पित कर दी। अमेरिका में जन्मीं सैली, मध्यप्रदेश के महेश्वर में आकर यहां की पारंपरिक बुनकरी को संवारने में जुट गईं। वह रानी अहिल्याबाई होलकर की विरासत से इतनी प्रेरित हुईं कि उन्होंने महेश्वरी कपड़ों को न केवल भारत बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई। कभी ओझल होने के कगार पर पहुंच चुकी महेश्वरी साड़ी और हैंडलूम कला को सैली ने फिर से जीवित किया। उन्होंने पारंपरिक डिजाइन में आधुनिकता का संगम कर इसे एक वैश्विक पहचान दी। उनकी मेहनत से यह उद्योग एक बार फिर फलने-फूलने लगा और हजारों बुनकरों को रोजगार मिला।

शारदा सिन्हा सहित 7 हस्तियों को पद्म विभूषण
शारदा सिन्हा, ओसामु सुजुकी समेत 7 हस्तियों को पद्म विभूषण सम्मान दिया गया है। वहीं पंकज उधास और सुशील मोदी समेत 19 हस्तियों को पद्म भूषण के लिए चुना गया। इनके अलावा, राजस्थान की लोक गायिका बतूल बेगम, दिल्ली की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. नीरजा भटला समेत 113 हस्तियों को इस बार पद्म श्री से सम्मानित किया जाएगा। पद्म पुरस्कार विजेताओं में से 21 महिलाएं हैं। इनमें 6 विदेशी या एनआरआई कैटेगरी के लोग भी हैं। 9 हस्तियां ऐसी हैं, जिन्हें मरणोपरांत पुरस्कार दिए जा रहे हैं।
कई गुमनाम हस्तियों को पुरस्कार
पद्मश्री पुरस्कार ऐसे लोगों को दिया जा रहा है, जिनमें कई गुमनाम हैं। कुवैत की योगा ट्रेनर और ब्राजील के मैकेनिकल इंजीनियर से हिंदू आध्यात्मिक और वेदांत गुरु बने जोनास मासेटी का नाम भी है। 100 साल की लीबिया लोबो सरदेसाई को पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। पश्चिम बंगाल के 57 साल के गोकुल चंद्र दास को भी  यह अवॉर्ड मिला है। इन्होंने 150 महिलाओं को ढाक बजाने की ट्रेनिंग दी। राजस्थान की लोक गायिका बतूल बेगम, दिल्ली की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. नीरजा भटला, सामाजिक कार्यकर्ता भीम सिंह भावेश ,दक्षिण भारतीय संगीतकार पी. दत्चनमूर्ति, नगालैंड के फल किसान एल. हैंगथिंग का भी पद्मश्री की लिस्ट में नाम है।

 

 

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