पनामा में फंसे 300 प्रवासी: निर्वासन, अनिश्चितता और मदद की गुहार
ट्रंप प्रशासन में तेज हुआ निर्वासन, पनामा में फंसे 300 प्रवासी
- Published On :
21-Feb-2025
(Updated On : 21-Feb-2025 11:06 am )
पनामा में फंसे 300 प्रवासी: निर्वासन, अनिश्चितता और मदद की गुहार
डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका का नेतृत्व संभालने के बाद, अवैध प्रवासियों का बड़े पैमाने पर निर्वासन किया जा रहा है। इस बीच, पनामा के एक होटल में 300 से अधिक प्रवासी फंसे हुए हैं, जिनमें ज्यादातर भारतीय, नेपाली, श्रीलंकाई, पाकिस्तानी, अफगानी और चीनी नागरिक शामिल हैं।
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होटल की खिड़कियों से मदद की गुहार
इस होटल से कुछ तस्वीरें सामने आई हैं, जिनमें प्रवासी खिड़कियों से मदद की गुहार लगाते नज़र आ रहे हैं। कई लोगों ने सफेद कागज पर संदेश लिखकर अपनी दुर्दशा जाहिर की है, जैसे "मदद करें" और "हम अपने देश में सुरक्षित नहीं हैं"।
वापसी की असमंजस में 40% से अधिक प्रवासी
पनामा प्रशासन के अनुसार, होटल में फंसे 40% से अधिक प्रवासी अपने देश लौटने के लिए तैयार नहीं हैं। संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) और अंतरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM) उनके लिए तीसरे देशों में पुनर्वास के विकल्प तलाश रहे हैं।
पनामा को ठहराव के रूप में इस्तेमाल कर रहा है अमेरिका
अमेरिका के लिए इन देशों में सीधा निर्वासन करना मुश्किल है, इसलिए पनामा को एक अस्थायी केंद्र के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। यहां प्रवासियों को तब तक रोका जा रहा है जब तक उनकी वापसी की व्यवस्था नहीं हो जाती।
पनामा के राष्ट्रपति पर दबाव, पहली डिपोर्टेशन फ्लाइट रवाना
पनामा के राष्ट्रपति जोसे राउल मुलिनो पर पहले ही ट्रंप की पनामा नहर पर नियंत्रण को लेकर दी गई धमकियों का दबाव है।
संयुक्त राष्ट्र और पनामा सरकार की प्रतिक्रिया
पनामा के सुरक्षा मंत्री फ्रैंक एब्रेगो ने कहा कि सभी प्रवासियों को चिकित्सा सुविधाएं और भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है।
संयुक्त राष्ट्र और IOM बाकी बचे 128 प्रवासियों के लिए किसी सुरक्षित देश में बसाने के विकल्प तलाश रहे हैं।
जो लोग न लौटने पर अड़े हैं, उन्हें पनामा के दारिएन प्रांत के विशेष केंद्र में रखा जाएगा।
क्या मिलेगी प्रवासियों को राहत?
अब सवाल यह है कि क्या इन प्रवासियों को किसी तीसरे देश में सुरक्षित ठिकाना मिलेगा या अमेरिका का निर्वासन अभियान और तेज़ होगा? यह देखना बाकी है कि संयुक्त राष्ट्र और अन्य संगठन इस मानवीय संकट को कैसे हल करेंगे।
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