मध्यप्रदेश में पहले भी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट होते रहे हैं, लेकिन इस बार का समिट कुछ अलग है। पहले सरकारी विभागों की भागीदारी ज्यादा नजर आती थी। सीएम या अन्य मंत्री कभी-कभार निरीक्षण और बैठकें कर लिया करते थे। इस बार परिदृश्य पूरा बदला हुआ है। सीएम डॉ.मोहन यादव इस आयोजन के लिए दिन-रात लगे रहे। इसके लिए देश-विदेश में मार्केटिंग भी की और व्यवस्थाएं ऐसी जमाई कि उद्योगपतियों के साथ पीएम भी पीठ ठोक गए।
सीएम यादव ने न केवल इस समिट की तैयारियों पर फोकस किया, बल्कि अब तक आयोजित हुए समिट की खामियों को दूर करने की कोशिश भी की। यही वजह है कि कैबिनेट में लगातार नई पॉलिसी को मंजूरी दी जाती रही, ताकि उद्योगपतियों को किसी तरह की असुविधा नहीं हो। फिर सारी पॉलिसी को उद्योगपतियों के सामने तश्तरी में परोसकर रख दिया गया-लीजिए हम तो पूरी तरह तैयार हैं, अब आपकी बारी।
इसमें कोई दो राय नहीं कि देश के कई राज्यों से बेहतर मध्यप्रदेश है। खुद पीएम मोदी ने भी समिट के उद्घाटन पर अपने भाषण में इसका जिक्र किया। पीएम ने लोगों को बताया कि कैसे डबल इंजन की सरकार ने मध्यप्रदेश की तकदीर बदल कर रख दी है। किसी जमाने में यहां की सड़कों पर बसों को भी चलाना मुश्किल था, आज ईवी के क्षेत्र में यह प्रदेश सबसे आगे जा रहा है।
जब इस समिट का आयोजन भोपाल में तय हुआ तो कई तरह के सवाल उठे, क्योंकि अब तक के आयोजन इंदौर में होते आए हैं। अब जबकि आयोजन शुरू हो चुका है। पीएम से लेकर सारे उद्योगपतियों ने व्यवस्थाएं देख जो तारीफ की है, उससे ऐसा लगता है कि भोपाल ही इसके लिए बेस्ट था। खुद पीएम मोदी ने अपने भाषण में इस भव्य आयोजन को लिए सीएम मोहन यादव को बधाई दी है।
बधाई, सीएम साहब। आयोजन में तो आप सफल हो गए। इस समिट में बहुत सारे उद्योगपतियों ने निवेश में रुचि दिखाई है। आपके साथ मध्यप्रदेश की झांकी भी देश-विदेश में जम गई। आप प्रदेश के विकास के लिए हठी हैं और पूरी उम्मीद है कि आपका यह हठ भारी निवेश भी लाएगा। एक गुजारिश है कि इन्हें जमीन पर उतारने वाली बाधाएं हटाने पर ध्यान जरूर दीजिएगा।
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