नई दिल्ली। दिल्ली के नए मुख्यमंत्री अब 20 फरवरी को रामलीला मैदान में शपथ लेंगे। सीएम का चेहरा तय करने के लिए 19 फरवरी को विधायक दल की बैठक होगी। इससे पहले 16 फरवरी शाम को खबर आई थी कि 17 फरवरी को विधायक दल की बैठक होगी और 18 फरवरी को शपथ ग्रहण समारोह होगा। अब इसे दो दिन आगे बढ़ा दिया गया है।
भाजपा सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार दिल्ली के मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह 20 फरवरी की शाम 4:30 बजे होगा। नए सीएम कैबिनेट सदस्यों के साथ रामलीला मैदान में शपथ लेंगे। इसके लिए रामलीला मैदान में तैयारी शुरू हो गई है। शपथ ग्रहण और सरकार गठन को लेकर आज शाम बीजेपी की बैठक होगा। इसमें विधायक दल की बैठक को लेकर समय और तारीख तय होगी। शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री, भाजपा और एनडीए शासित 20 राज्यों के मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम शामिल होंगे। दिल्ली के करीब 15 हजार लोगों को भी बुलाने की तैयारी की गई है। कार्यक्रम की व्यवस्था की देखरेख के लिए भाजपा महासचिव विनोद तावड़े और तरुण चुघ को प्रभारी बनाया गया है।
सीएम पद की रेस में कई नाम
दिल्ली के सीएम पद की रेस में प्रवेश वर्मा, बीजेपी की दिल्ली इकाई के पूर्व अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता और सतीश उपाध्याय शामिल हैं। इसके साथ ही पवन शर्मा, आशीष सूद, रेखा गुप्ता और शिखा राय सहित अन्य को भी दावेदार माना जा रहा है। प्रवेश वर्मा ने विधानसभा चुनाव में नई दिल्ली सीट पर आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को हराया है।
आप की सफाई करने वाले चेहरे की तलाश
भाजपा नेतृत्व को दिल्ली में अब ऐसे चेहरे की तलाश है जो आप का वजूद पूरी तरह से साफ कर दे। दिल्ली विधानसभा चुनावों में भाजपा ने दोगुने से भी ज्यादा सीटें लेकर आप को पछाड़ तो दिया, लेकिन वोट प्रतिशत के मामले में दोनों दलों के बीच कुछ खास अंतर नहीं रहा। भाजपा को 47.56 प्रतिशत वोट मिले तो आप भी 45.57 प्रतिशत वोट अपने नाम करने में सफल रही। दिल्ली के सिर्फ 1.99 प्रतिशत मतदाता ही बीजेपी के मुकाबले आप को पसंद नहीं किया। यह आंकड़े अगले विधानसभा चुनावों के लिहाज से बीजेपी के लिए चिंता तो आप के लिए उम्मीद का सबब बन गए हैं। इसलिए बीजेपी चाहेगी कि मुख्यमंत्री के तौर पर एक ऐसा चेहरा सामने लाया जाए जो दिल्ली में आप को पसंद करने वालों के एक बड़े हिस्से को अगले चुनावों तक बीजेपी के पक्ष में मोड़ ले। इसके अलावा जातिगत और क्षेत्रीय समीकरणों पर भी ध्यान दिया जाएगा। सबसे अहम बात होगी सीएम चेहरे की ईमानदारी, क्योंकि भाजपा ने अरविंद केजरीवाल और आप को भ्रष्ट बताकर ही चुनाव जीता है।
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