नई दिल्ली। राजस्थान के पूर्व सीएम और हरियाणा चुनाव में कांग्रेस के प्रभारी अशोक गहलोत ने यह माना है कि हार का कारण पार्टी की आपसी गुटबाजी भी हो सकती है। गहलोत ने राहुल गांधी के उस बयान पर सहमति जताई जिसमें उन्होंने कहा था कि चुनाव में नेताओं ने व्यक्तिगत हित को पार्टी हित से ऊपर रखा। गहलोत ने यह भी स्वीकार किया कि अगर आप से गठबंधन होता तो कांग्रेस के लिए अच्छा रहता।
हरियाणा चुनाव में हार को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने समीक्षा की है। इसको लेकर अशोक गहलोत ने कहा कि दोनों नेताओं ने कहा कि इस हार की तह तक जाना होगा। यह पता लगाना होगा कि जीता हुआ चुनाव कैसे हार गए। जब उनसे पूछा गया कि बैठक में किन मुद्दों पर चर्चा हुई, तो उन्होंने कहा कि सभी मुद्दों पर बात की गई। इस बात पर भी विचार किया गया कि गुटबाजी की वजह से हारे या दलित वोट के जाने से हारे या फिर ईवीएम की वजह से हार का सामना करना पड़ा। गहलोत ने कहा कि यह भी पता लगाया जा रहा है कि हुड्डा और शैलजा के बीच अनबन का इस पर कितना असर पड़ा है। उन्होंने कहा कि हर तरफ से यही फीडबैक था कि हम चुनाव जीत रहे हैं। इसके बाद भी कैसे हार गए, इसका आंकलन किया जाएगा। जब उनसे जाट और गैर जाट वोट के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पहले के चुनावों में भी ऐसा ही होता आया है। इस बार भाजपा ने जाटों को लेकर माहौल बनाया था। हो सकता है कि लोग डर गए हों कि जाटों की सरकार आ रही है, इस कारण भी भाजपा को ज्यादा वोट मिल गए होंगे।
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