भोपाल। आरटीओ के पूर्व सिपाही सौरभ शर्मा के मामले में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने फिर से मंत्री गोविंद सिंह राजपूत पर निशाना साधा है। उन्होंने सरकार पर सौरभ को बचाने का आरोप लगाते हुए कहा कि सौरभ के घर मिले दस्तावेजों की जांच होनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि परिवहन विभाग से एक केंद्रीय मंत्री को हर महीने 2 करोड़ रुपए जाते थे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वसूली का पूरा रैकेट मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने संभाला।
सिंघार ने कहा कि दशरथ पटेल और अलीम खान रिटायर होने के बावजूद भ्रष्टाचार करते रहे। उनके अलावा संजय ढांडे, संजय श्रीवास्तव ने गोविंद राजपूत के साथ मिलकर घोटाला किया। सिंघार ने कहा कि एक साल में करीब डेढ़ हजार करोड़ की कमाई होती थी। इसी कमाई से मंत्री गोविंद राजपूत ने साल 2019 से 2024 के बीच पत्नी और बच्चों के नाम 400 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी खरीदी। सिंघार ने कहा कि मंत्री राजपूत ज्ञान वीर समिति के नाम पर जमीनें दान करा रहे हैं। इसके लिए एक समिति बनाई गई, जिसमें गोविंद सिंह ने पत्नी और बेटे को रखा। समिति को जमीन दान कराई गईं। जो जमीन दान की गई वो भी गोविंद सिंह राजपूत के रिश्तेदारों की हैं।
सौरभ शर्मा के मामले में हो रही लीपापोती
उमंग सिंघार ने सौरभ शर्मा के मामले में लीपापोती का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार में लिप्त मंत्री और अधिकारियों को बचाने की कोशिश की जा रही है। सौरभ शर्मा की डायरी और कागजात में जिन लोगों के नाम सामने आए, उनसे अब तक पूछताछ क्यों नहीं की गई? सिंघार ने दावा किया कि डायरी में ‘टीसी’ और ‘टीएम’ का मतलब ट्रांसपोर्ट कमिश्नर और ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर से है। उन्होंने पूछा कि इसका सच सामने क्यों नहीं लाया जा रहा है?
पोस्ट का ठेका लेने वालों से पूछताछ नहीं
सिंघार ने कहा कि परिवहन आरक्षक गौरव पाराशर, हेमंत जाटव और धनंजय चौबे चेक पोस्ट का ठेका लेते थे, लेकिन अब तक किसी भी जांच एजेंसी ने उन्हें जांच के दायरे में नहीं लिया। न तो उनकी फोन कॉल डिटेल निकाली गई और न ही किसी तरह की गहराई से जांच हुई। ये सभी लोग शिवपुरी के अलग-अलग चेक पोस्ट पर ठेका लेकर अवैध वसूली में शामिल थे। सिंघार ने सौरभ शर्मा के सहयोगी डबरा के अजय रावत को भी जांच के घेरे में लेने की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि अजय रावत चेक पोस्ट पर अवैध वसूली का काम करता था।
अपने बंगले में डील करते थे राजपूत
सिंगार ने कहा कि उस दौरान परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत थे और सभी डील उनके बंगले पर होती थी। इस घोटाले में मंत्री राजपूत, हवाला कारोबारी लोकेश, संजय श्रीवास्तव और श्वेता श्रीवास्तव शामिल थे, जो क्लोन कंपनी चलाते थे। सिंघार ने कहा कि सरकार को इस मामले में निष्पक्ष जांच कराकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
भाजपा ने सिंघार पर किया पलटवार
भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने कहा कि ये वही उमंग सिंघार है, जिन पर 15 महीने की कमलनाथ सरकार के दौरान अपने ही मंत्रालय में खरीद-फरोख्त, ट्रांसफर, पोस्टिंग जैसे कई मामलों में करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। उन पर झारखंड के प्रभारी सचिव रहते टिकट बेचने के आरोप भी लगे थे, ये आरोप कांग्रेस नेताओं ने ही लगाए थे।
Leave Comments