अमेरिका के बाद अब यूके से भी निर्वासन की तैयारी, पंजाबी प्रवासियों पर कड़ी कार्रवाई
ब्रिटेन में अवैध प्रवासियों के खिलाफ सख्त अभियान शुरू हो चुका है।
- Published On :
08-Mar-2025
(Updated On : 08-Mar-2025 10:59 am )
अमेरिका के बाद अब यूके से भी निर्वासन की तैयारी, पंजाबी प्रवासियों पर कड़ी कार्रवाई
ब्रिटेन में अवैध प्रवासियों के खिलाफ सख्त अभियान शुरू हो चुका है। यूके की लेबर सरकार ने भारतीय रेस्तरां, नेल बार, करियाना स्टोर और कार वॉश जैसे छोटे व्यवसायों पर छापेमारी तेज कर दी है। हाल ही में 828 स्थानों पर छापे मारे गए, जिसमें 609 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इनमें सबसे अधिक पंजाबी प्रवासी शामिल हैं, जो स्टडी या टूरिस्ट वीजा पर यूके आए थे और अवधि समाप्त होने के बाद अवैध रूप से वहां रह रहे थे।

छापेमारी के बाद बढ़ी भारतीय समुदाय की चिंता
उत्तरी इंग्लैंड के हंबरसाइड में एक भारतीय रेस्तरां पर छापे के दौरान सात लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें से चार को हिरासत में ले लिया गया। लेबर सरकार के सत्ता में आने के बाद से अब तक करीब 19,000 विदेशी अपराधियों और अवैध प्रवासियों को यूके से निकाला जा चुका है, जिनमें सबसे अधिक संख्या पंजाबी प्रवासियों की है।
इस कार्रवाई से भारतीय समुदाय, विशेष रूप से छोटे व्यवसाय मालिकों में डर का माहौल है। सरकार अब उन नियोक्ताओं पर भी भारी जुर्माना लगा रही है, जो अवैध प्रवासियों को काम पर रखते हैं। एक अवैध कर्मचारी रखने पर मालिक को 60,000 पाउंड (करीब 60 लाख रुपये) तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है।
क्या अवैध प्रवासियों को मिलेगा दूसरा मौका?
यूके सरकार का कहना है कि अवैध रूप से रह रहे प्रवासी बेहद खराब परिस्थितियों में जीवन जीने को मजबूर हैं, इसलिए उनके निर्वासन की प्रक्रिया तेज की जा रही है। हालांकि, कुछ मानवाधिकार संगठनों ने सरकार से अपील की है कि इन प्रवासियों को देश से निकालने के बजाय उन्हें वैध बनने का अवसर दिया जाए, लेकिन सरकार अपनी सख्ती जारी रखने के मूड में है।
ब्रिटेन में पंजाबी समुदाय की बड़ी संख्या
ब्रिटेन में इस समय सात लाख से अधिक पंजाबी प्रवासी रहते हैं, जिनमें बहुसंख्यक सिख समुदाय से हैं। 2008 के बाद यूके ने स्टडी वीजा में ढील दी थी, जिससे बड़ी संख्या में युवा स्टडी वीजा पर ब्रिटेन पहुंचे। आंकड़ों के अनुसार, ब्रिटेन में भारतीय छात्रों में 40% से अधिक पंजाबी मूल के हैं।
ब्रिटेन में पंजाबी भाषा सबसे अधिक बोली जाने वाली विदेशी भाषा बन चुकी है, और देश में दस लाख से अधिक छात्र ऐसे हैं जिनकी पहली भाषा अंग्रेजी नहीं है।
यूके सरकार अब अवैध प्रवासियों पर कड़े कदम उठाने के लिए पूरी तरह तैयार है। पंजाब में अमेरिका के बाद अब ब्रिटेन से भी निर्वासन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, जिससे प्रवासी समुदाय में चिंता बढ़ गई है।
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