इंदौर। धार्मिक मान्यता है कि एकादशी तिथि पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मीकी विशेष पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। साथ ही सभी मुरादें पूरी होती हैं।
इस बार जुलाई के महीने में योगिनी एकादशी, देवशयनी एकादशी और कामिका एकादशी है।. मंगलवार 2 जुलाई को योगिनी एकादशी मनाई गई थी, 17 जुलाई को देव शयनी एकादशी और 31 जुलाई को कामिका एकादशी मनाई जाएगी।
तीन एकादशी का योग आमजन की सुख समृद्धि में सहायक बनेगा क्योंकि तीनों एकादशियों में सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग है। तीनों एकादशी आने से जुलाई मास का धार्मिक महत्व बढ़ गया है. जुलाई की दूसरी एकादशी यानी देवशयनी से सभी तरह के मांगलिक कार्यों पर चार माह के लिए विराम लग जाएगा। वैवाहिक एवं सभी प्रकार के नवीन शुभ कार्य वर्जित रहेंगे।
साल में 24 एकादशी के व्रत रखे जाते हैं। यह सभी भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन उनकी पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती हैं। ऐसे में कुछ लोग निर्जला उपवास भी रखते हैं।
मई 2023 में बना था ऐसा संयोग
ऐसा ही संयोग मई 2023 में भी आया था। इस बार तीन एकादशियों में दूसरी एकादशी देवशयनी एकादशी है। इस एकादशी से चातुर्मास शुरू हो जाएंगे। चातुर्मास के दौरान मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है। हालांकि धर्म-कर्म और दान-पुण्य के लिए चातुर्मास अनुकूल माना जाता है। मान्यता है कि इस अवधि के दौरान सृष्टि का संचालन भगवान शिव करते हैं और भोलेनाथ चातुर्मास में किए गए दान-पुण्य, पूजा और पाठ से जल्द प्रसन्न होकर भक्तों को इच्छित वर देते हैं। इसलिए इन 4 महीने भगवान शिव और विष्णु की पूजा करनी चाहिए।
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