इंदौर। शुक्रवार को 16 वें वित्त आयोग का दल इंदौर आया। दल के सदस्यों ने देश में लगातार सात बार नंबर वन आने वाले इस शहर की सफाई व्यवस्था का जायजा भी लिया। दल ने देवगुराड़िया स्थित ट्रेंचिंग ग्राउंड पहुंचकर एशिया के सबसे बड़े गोबर-धन बायो सीएनजी प्लांट का अवलोकन किया। साथ ही उन्होंने ट्रेचिंग ग्राउंड पर बने परी पार्क में बैठकर इंदौर के स्वच्छता की सफल कहानी देखी।
दल ने इस दौरान सूखे कचरे के निपटान हेतु बनाए गए मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी सेंटर, 15 लाख मेट्रिक टन क्षमता के पुराने कचरे का बायो रिमेडिऐशन पद्धति से निपटान व्यवस्था, 100 एकड़ भूमि पर फलदार एवं ऑक्सीजन देने वाले पौधों से बनाए गए सिटी फॉरेस्ट और निर्माण एवं विध्वंस अपशिष्ट प्रोसेसिंग प्लांट का जायजा लिया। दल में 16वें वित्त आयोग के सदस्य श्रीमती एनी जॉर्ज मैथ्यू, डॉ. मनोज पांडा, डॉ. सौम्याकांति घोष और सचिव ऋत्विक पांडे शामिल थे। इस मौके पर महापौर पुष्यमित्र भार्गव, संभागायुक्त दीपक सिंह, कलेक्टर आशीष सिंह, नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा आदि मौजूद थे।
महापौर और निगमायुक्त ने स्वच्छता के बारे में बताया
इस दौरान 16वें वित्त आयोग के सदस्यों ने इंदौर में हो रहे स्वच्छता संबंधी कार्यों की सराहना की। सदस्यों को महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने स्वच्छता के सौपानों की जानकारी दी। नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा ने गोबर-धन बायो सीएनजी प्लांट के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि यह प्लांट सीएनजी निर्मित करने वाला एशिया का सबसे बड़ा प्लांट है। इसकी क्षमता 550 टीपीडी गोबर धन है, इसे बढ़ाकर 800 टीपीडी करने का लक्ष्य है। इसके लिए सैद्धांतिक सहमति प्राप्त हो गई है। उन्होंने कहा कि इंदौर में हर तरह के कचरे के उपयोग की योजना भी तैयार की जा रही है। यहाँ फ्युल ब्रिकेट्स तथा लिक्विड फर्टिलाइजर बनाने की योजना भी तैयार कर कार्य प्रारंभ किया जा रहा है। इंदौर में स्वच्छता के साथ ही पर्यावरण सुधार पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
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