इंदौर। हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने गंभीर अपराधों की जांच के लिए हर जिले में एसआईटी गठित करने के आदेश डीजीपी को दिए हैं। हत्या और डकैती के एक मामले में पुलिस जांच में गंभीर चूक को देखते हुए कोर्ट ने यह आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि एसआईटी का नेतृत्व आईपीएस स्तर के वरिष्ठ अधिकारी ही करेंगे।
जस्टिस सुबोध अभ्यंकर की पीठ ने 2020 के डकैती और हत्या के मामले में आरोपी सुमित सिंह की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया। कोर्ट ने पुलिस जांच पर सवाल उठाते हुए कहा कि जांच में कई खामियां हैं और आरोपी के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं हैं। कोर्ट ने यह भी कहा कि पुलिस जांच में देरी और लापरवाही के कारण आरोपी को जमानत देने का फैसला किया गया है। कोर्ट ने मध्य प्रदेश के डीजीपी को प्रत्येक जिले में एक गंभीर अपराध जांच पर्यवेक्षण दल (एसआईटी) स्थापित करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि एसआईटी का नेतृत्व एक वरिष्ठ स्तर का पुलिस अधिकारी करेगा, जो किसी अनुभवी आईपीएस अधिकारी के पद से नीचे का न हो। कोर्ट ने यह भी निर्धारित किया है कि जांच अधिकारियों को नियमित रूप से पर्यवेक्षण टीम को रिपोर्ट करना चाहिए।
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