इंदौर। खंडवा रोड के ग्राम लिंबोदी स्थित कॉलोनी महालक्ष्मी धाम की रेरा की अनुमित का आवेदन निरस्त कर दिया है। HBTV NEWS ने 7 दिसंबर को यह फर्जीवाड़ा उजागर किया था। इस खबर में जमीन के असली मालिक के आवेदन का हवाला दिया गया था, जिसमें रेरा अनुमति निरस्त करने की मांग की गई थी। इसमें आरोप लगाया गया था कि कॉलोनाइजर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर रेरा की अनुमति के लिए आवेदन लगाया है।
HBTV NEWS के खुलासे के बाद मप्र भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण ने 23 दिसंबर को संतोष देवकॉन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा महालक्ष्मी धाम कॉलोनी की रेरा के लिए प्रस्तुत आवेदन निरस्त कर दिया है। प्राधिकरण के अध्यक्ष एपी श्रीवास्तव और सदस्य सुरेंद्र सिंह राजपूत द्वारा 24 दिसंबर को इसका आदेश भी जारी कर दिया गया है। इसमें लिखा गया है कि महालक्ष्मी धाम फेस-1 ग्राम लिम्बोदी तहसील जूनी इंदौर जिला इंदौर के खसरा क्रमांक 240/2/2, 240/3/1, 240/2/1/1, 240/2/1/2, 240/3/2, 240/1/1, 240/4, 240/5, 240/6/1, 240/1/2 कुल रकबा 10.462 हेक्टेयर के रेरा पंजीयन हेतु आवेदन ऑनलाइन प्रस्तुत किया था, जिसे निरस्त किय जा रहा है।
इस फर्जीवाड़े में भी हनी का हाथ
सूत्र बताते हैं कि महालक्ष्मी धाम कॉलोनी के फर्जीवाड़े में भी कुख्यात भूमाफिया केशव नाचानी उर्फ हनी का हाथ है। दोनों पहले भी कई घोटाले कर चुके हैं। दोनों के खिलाफ कई प्रकरण दर्ज हैं। पुलिस ने उन्हें कई मामलों में पकड़ा भी है। ईडी ने भी उनके खिलाफ कार्रवाई की थी।
कई शिकायतों को बनाया आधार
आवेदन निरस्त करने के लिए कई शिकायतों को आधार बनाया गया है। शिकायतों में कहा गया है कि परियोजना में वर्ष 2011-12 में डेवलपर द्वारा 400 भूखण्ड आवटितियों को आंवटित करके उनसे लगभग 29 करोड रूपये किश्तों में लिये गये थे, मूखण्ड वर्ष 2014 में आवटितियों को अन्तरित किए जाने थे किन्तु अब तक अंतरित नही किये गये। इस कम्पनी के डायरेक्टर सुनील मंदवानी और अन्य के विरूध्द आंवटितियों द्वारा पुलिस में 2 एफ.आई.आर. दर्ज करवायी गई। डेवलपर द्वारा अनुचित दवाब डालकर 150 भूखण्डों को वापिस ले लिया गया शेष 250 आवंटितों ने एसोशियन बनाया है। वर्ष 2014 में डेवलपर कम्पनी ने भूमि विक्की जेठानी, रघुवीर सिंह खनूजा, रविन्द्र माठा को विक्रय करने का अनुबंध किया और इनके साथ षड्यंत्र करके प्रोजेक्ट अंकुश नचानी और कमल नचानी को हस्तांतरित करने की साजिश की। एक अन्य शिकायत में कहा गया है कि महालक्ष्मी धाम कॉलोनी में भूखण्ड कय करके अंश प्रतिफल प्रमोटर कंपनी को अदा किया है. किन्तु उन्हें भूखण्ड न देकर प्रमोटर इन भूखण्डों को नए खरीददारों को अवैध रूप से पुनः विकय कर रहा है।
कमल नचानी और अंकुश नचानी का मामला
कमल नचानी और अंकुश नचानी के बीच दिनांक 27.10.2022 को अनुबंध हुआ था। इस पर कमल और अंकुश द्वारा सुनील को उसके 51 प्रतिशत अंश शेयर के बदले में 14 करोड़ रुपए देने थे। अनुबंध में अन्य शर्तें भी निश्चित की गईं। इस अनुबंध के आधार पर एन.सी.एल.टी. का मामला राजीनामा हो जाने से समाप्त कर दिया गया। सुनील ने अनुबंध की शतों का पालन न होने से अनुबंध दिनांक 30.11.2023 को इस आधार पर निरस्त कर दिया कि कमल और अंकुश ने कॉलोनी का विकास नहीं किया और वे अवैध रूप से डायरेक्टर के पद पर बने हुए हैं। अंतरित हो चुके भूखण्डों को पुनः अंतरित कर रहे हैं। उनके विरूद्ध मनी लॉड्रिंग का मामला दर्ज हुआ है। अंकुश को डायरेक्टरशिप से पृथक करने का नोटिस दिया गया कि इन दोनों ने अवैध रूप से मीटिंग बुलाई।
पैसे लेकर भूखंड पर नहीं दिया कब्जा
एक अन्य आपत्ति में परियोजना रजिस्ट्रेशन आवेदन पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि जिन भूमियों पर वर्तमान परियोजना प्रस्तावित है उन भूमियों को वर्तमान प्रमोटर संतोष डेवकॉन प्रा.लि. के तर्फे डायरेक्टर सुनील, अशोक, राधेश्याम, मुकेश से खरीदने का सौदा उसने रघुवीरसिंह खनूजा और रविन्द्र माटा के साथ मिलकर किया। प्रतिफल राशि रूपये 7,73,58,284 का भुगतान किया, किन्तु विकय पत्र निष्पादन में किए जाने और भूमि अन्य को बेचने का प्रयास किए जाने पर संविदा के विनिर्दिष्ट पालन हेतु सिविल बाद जिला न्यायालय, इंदौर के समक्ष प्रस्तुत किया है। आपत्ति आवेदन में यह भी कहा गया है कि सुनील, अशोक और संतोष डेवकॉन प्रा.लि. के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज है।
विधिक सलाहकार ने 19 दिसंबर को दी थी राय
प्राधिकरण ने इन शिकायतों के बाद आवेदन पर विधिक सलाहकार से राय मांगी थी। इसमें कहा गया कि प्रमोटर कंपनी के डायरेक्टरगण की ओर से इस आशय के गलत शपथ पत्र प्रस्तुत किए गए हैं कि कंपनी की संपत्ति के संबंध में किसी भी न्यायालय में कोई मामला प्रस्तुत होकर लंबित नहीं है। इस प्रकार प्राधिकरण को अंधेरे में रखकर परियोजना का रजिस्ट्रेशन करवाये जाने का जो प्रयास किया जा रहा है। इन तथ्यों के आधार पर आवेदन निरस्त करने की सलाह दी गई थी।
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