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प्रदेश में अब खुद ही बना सकेंगे ऑनलाइन जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, कैबिनेट की बैठक में हुए कई फैसले

सिंहस्थ के लिए क्षिप्रा नदी के किनारे बनेगा 29 किलोमीटर लंबा घाट

भोपाल। मध्यप्रदेश में अब जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए कहीं भटकने की जरूरत नहीं होगी। खुद ही सर्टिफाइड कर लोग ऑनलाइन जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा सकते हैं। गलत सर्टिफाइड करने पर कार्रवाई भी होगी। यह फैसला गुरुवार को हुई कैबिनेट की बैठक में लिया गया।

कैबिनेट ने मध्यप्रदेश जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण नियम 2024 लागू करने की मंजूरी दे दी है। यह नियम भारत के महारजिस्ट्रार कार्यालय द्वारा दिए गए प्रारूप पर आधारित है। नए नियमों के तहत डिजिटल रजिस्ट्रीकरण, इलेक्ट्रॉनिक प्रमाणपत्र, राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय डेटाबेस तैयार करना, और दत्तक, अनाथ, सरोगेट बच्चों व एकल माता-पिता से जुड़े रजिस्ट्रीकरण को सुगम बनाना शामिल है। किसानों की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए 11 के.वी. फीडर्स को सौर ऊर्जा से ऊर्जीकृत करने की स्वीकृति दी गई। इससे दिन में सिंचाई के लिए बिजली मिल सकेगी। वहीं संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना को भी मंजूरी दी गई, जिससे 4.73 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी। इसके अतिरिक्त धरती आबा-जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान शुरू करने की सैद्धांतिक स्वीकृति भी दी गई।

क्षिप्रा नदी के किनारे 29 किलोमीटर लंबा घाट

कैबिनेट ने सिंहस्थ को देखते हुए शिप्रा नदी के किनारे 29 किलोमीटर लंबा घाट बनाने का फैसला भी किया है। इसे शिप्रा नदी के दायें किनारे पर शनि मंदिर से नागदा बायपास तक बनाया जाएगा। इसकी लागत 771 करोड़ रुपए होगी। इसके अलावा पॉलिटेक्निक, यूनानी चिकित्सा शिक्षण संस्थाओं में इंटर्नशिप करने वाले स्टूडेंट्स के स्टायपेंड को महंगाई सूचकांक से जोड़ने का फैसला भी लिया गया। महंगाई बढ़ने के साथ उनके स्टायपेंड की राशि भी बढ़ जाएगी।

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