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सौरभ शर्मा अगर खुद सामने नहीं आता तो क्या हाथ पर हाथ धरे ही बैठी रह जातीं तीन-तीन एजेंसियां, अभी भी उलझी हुई है कहानी

पांच घंटे की पूछताछ के बाद लोकायुक्त ने कोर्ट में किया था पेश

भोपाल। आरटीओ का पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा को लोकायुक्त ने गिरफ्तार कर लिया है औ 7 दिन की रिमांड भी मिल गई है, लेकिन इस पूरे मामले ने जांच एजेंसियों पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। अगर सौरभ खुद को तश्तरी में पेश कर लोकायुक्त को नहीं सौंपता तो क्या उसकी गिरफ्तारी हो पाती? तीन-तीन जांच एजेंसियां उसके पीछे पड़ी थीं, फिर भी वह करीब 41 दिन तक पकड़ में कैसे नहीं आया? कहीं यह सब पहले से तय कहानी का हिस्सा तो नहीं है?

उल्लेखनीय है कि लोकायुक्त, ईडी और आयकर विभाग ने सौरभ के यहां छापेमारी कर करीब 100 करोड़ की संपत्ति का पता लगाया था। छापे के दिन से ही सौरभ फरार था। इतना तो तय था कि इतना कुछ कर लेना सौरभ के अकेले के बस का तो था ही नहीं। विपक्षी दल कांग्रेस ने कई पूर्व मंत्रियों पर सौरभ से जुड़े होने के आरोप लगाए थे। तभी यह तय हो गया था कि सौरभ से जुड़े नेता और अफसर खुद को बचाने के लिए निश्चित तौर पर कोई न कोई कहानी तैयार करेंगे। सूत्र बताते हैं कि इसी कहानी के तहत सौरभ सोमवार को अपने वकील के साथ अचानक कोर्ट में प्रकट हुआ। इसके बाद भी किसी भी एजेंसी ने उसे पकड़ने की कोशिश नहीं की। आज जब फिर से वह कोर्ट गया तो लोकायुक्त की टीम ने उसे पकड़ा। यहां सवाल यह उठता है कि जब भोपाल में सौरभ की सोमवार को ही आमद हो गई थी तो तीन-तीन एजेंसियां क्या कर रही थीं?

7 दिन की रिमांड पर मिल गया सौरभ

लोकायुक्त के हाथ आने के बाद उसे कोर्ट में पेश किया गया,  जहां से 7 दिन की रिमांड मिल गई है। सौरभ के सहयोगी चेतन गौर को भी कोर्ट ने 4 फरवरी तक रिमांड पर सौंप दिया। लोकायुक्त पुलिस ने मंगलवार को उन्हें गिरफ्तार किया था। उनसे पहले लोकायुक्त ऑफिस में करीब 5 घंटे तक पूछताछ की गई। इधर, सौरभ के पार्टनर शरद जायसवाल भी मंगलवार दोपहर को अपने वकील के साथ लोकायुक्त ऑफिस में बयान दर्ज कराने पहुंचे। बयान दर्ज करने के बाद उन्हें भी हिरासत में ले लिया है।

लोकायुक्त, ईडी और आयकर विभाग ने छापे मारे थे

उल्लेखनीय है कि आरटीओ के पूर्व सिपाही सौरभ शर्मा के यहां 9 दिन में तीन एजेंसियां ईडी, लोकायुक्त और आयकर विभाग ने छापे मारे थे। कार्रवाई के दौरान उसके पास से करीब सौ करोड़ की संपत्ति मिली थी। इनमें कार में मिला 52 किलो सोना और 11 करोड़ कैश भी शामिल है। ईडी ने 27 दिसंबर को सौरभ शर्मा और उसके सहयोगी चेतन सिंह गौर, शरद जायसवाल, रोहित तिवारी के ठिकानों पर छापे मारे थे। सौरभ के परिजन और दोस्तों के खातों में 4 करोड़ रुपए का बैंक बैलेंस पाया। इसके अलावा 23 करोड़ की संपत्ति भी जांच के दायरे में ईडी ने ली थी।

सौरभ-चेतन को आमने-सामने बिठाकर पूछताछ

सूत्र बताते हैं कि सौरभ और उसके दोस्त चेतन से लोकायुक्त मुख्यालय में आमने-सामने पूछताछ की जा रही है। उसकी पत्नी दिव्या ने 27 जनवरी को ईडी के सवालों के जवाब दिए थे। पूछताछ में अभी कई और नामों के खुलासे होंगे, लेकिन आशंका यह है कि यह सब पहले से तय नहीं हों।

दुबई से लौटने के बाद तीर्थाटन करता रहा

जब सौरभ के घर छापा पड़ा था तो बताया जा रहा था कि वह दुबई फरार हो गया है। सूत्र बताते हैं कि 23 दिसंबर को वह दुबई से भारत लौट आया था। वहां से लौटने के बाद वह हरिद्वार, ऋषिकेश और वैष्णोदेवी आदि में तीर्थाटन करता रहा। ताज्जुब की बात यह कि सौरभ तीन-तीन एजेंसियों की आंखों में धूल झोंक कर भारत में ही कैसे घूमता रहा। क्या तीनों एजेंसियां हाथ पर हाथ धरे सौरभ के खुद ही प्रकट होने का इंतजार कर रही थीं।

 

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