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कांग्रेस के नए प्रदेश प्रभारी चौधरी ने पहली बैठक में ही पढ़ाया अनुशासन का पाठ, कहा-अनुशासन हमारी पहली प्राथमिकता

कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने दी अपने नेताओं को जुबान पर कंट्रोल रखने की सलाह

भोपाल। कांग्रेस के नए प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी प्रभार मिलने के बाद गुरुवार को भोपाल आए। इस दौरान उन्होंने कहा कि मैं शून्य समझ के साथ आया हूं। यहां पर सहयोगी की भूमिका में रहकर मिशन मध्य प्रदेश पर काम करूंगा। मेरी राजनीतिक समझ शून्य है। अनुशासन हमारी पहली प्राथमिकता है। चौधरी ने कहा कि मैं अपने आप को छात्र स्वीकार करता हूं।

प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में कार्यकर्ताओं से मिले। चौधरी ने पीसीसी में कांग्रेस के विधायकों, पूर्व विधायकों और पदाधिकारियों के साथ बैठक की।  इस बैठक में पीसीसी चीफ जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, जयवर्धन सिंह, विभा पटेल सहित कई विधायक, पूर्व विधायक और जिलाध्यक्ष मौजूद रहें।

पटवारी ने दी-जुबान पर कंट्रोल रखने की सलाह

बैठक में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा- भाजपा के पास सत्ता और मीडिया है वह जैसा चाहती-वैसा मीडिया में छपता। आज के दौर में हमें अपने विचार के साथ अपने व्यवहार में बदलाव लाने की जरूरत है। जिसके पास जिम्मेदारी है, वही पार्टी का मालिक हो गया, चाहे वह जिला हो, संभाग हो या प्रदेश हो। ऐसा नहीं होगा। हमने हर जिले में समन्वय समिति बनाई, प्रदेश की तरह हर लेवल पर बना रहे हैं। उसको मूर्त रूप देने की कोशिश करेंगे, यह सबसे पारदर्शी व्यवस्था होगी। अनुशासन के बगैर संगठन नहीं चल सकता। पटवारी ने कहा कि  मीडिया हमारा नहीं हैं, इसलिए सबको जुबान पर ध्यान की जरूरत है। हमारी पार्टी लाइन दिल्ली से होती है। उसी के आधार पर हम लोग चलें, जुबान पर कंट्रोल करें।

बार-बार बदल रहे प्रदेश प्रभारी

कांग्रेस मध्यप्रदेश में बार-बार अपना प्रभारी बदल रही है। मोहन प्रकाश की जगह सितंबर 2017 में दीपक बावरिया को प्रदेश प्रभारी बनाया गया था। अप्रैल 2020 में दीपक बावरिया ने एमपी के प्रभारी पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद मई 2020 में मुकुल वासनिक एमपी के प्रभारी बनाए गए थे।सितंबर 2022 में मुकुल की जगह जेपी अग्रवाल को प्रभारी नियुक्त किया गया था। अगस्त 2023 में जेपी अग्रवाल की जगह रणदीप सिंह सुरजेवाला को एमपी का प्रभार सौंपा गया था। दिसंबर 2023 में सुरजेवाला की जगह भंवर जितेन्द्र सिंह को इंचार्ज नियुक्त किया गया था। अब हरीश चौधरी कांग्रेस को सुधारने मध्यप्रदेश आए हैं। अब देखना यह है कि चौधरी कांग्रेस को कितना एकजुट और अनुशासित रख पाते हैं।

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