भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने भोपाल में होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पहले सीएमओ के अफसरों के बीच काम बांट दिए हैं। इसमें सबसे खास नाम चंद्रशेखर वालिम्बे का है। प्रमोटी आईएएस वालिम्बे सीएमओ में एडिशनल सेक्रेटरी का पद है। अब उननकी जिम्मेदारी बढ़ा दी गई है और इसके माध्यम से सीएम ने अफसरों को स्पष्ट संदेश दे दिए हैं कि जो ईमानदारी से काम करेगा उसी की पूछ-परख रहेगी।
नए कार्यविभाजन के अनुसार अब वालिम्बे को जीएडी, जीएडी कार्मिक, गृह, जनसंपर्क, पीडब्ल्यूडी, पीएचई, स्कूल शिक्षा, लॉ, जनजातीय कार्य, माइनिंग, वन, शहरी विकास, स्वास्थ्य विभाग, ट्रांसपोर्ट, जलसंशाधन, वाणिज्यिक कर, खाद्य एवं बाल विकास विभाग के बड़े काम सौंपे गए हैं। इसके अलावा वे जबलपुर और रीवा संभाग का समन्वय भी देखेंगे। वालिम्बे प्रमोट होकर आईएएस तो बन गए, लेकिन उन्हें फील्ड पोस्टिंग अब तक नहीं मिली है। इसके इतर उनके सभी बैच मेट कलेक्टर बन चुके हैं। यहां तक कि उनकी पत्नी भावना वालिम्बे भी कलेक्टर पदस्थ रही हैं।
कई अफसरों से आगे निकले वालिम्बे
मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा के बाद, सचिव सिबि चक्रवर्ती, इलैया राजा टी से भी अहम जिम्मेदारियां लेकर अपर सचिव चंद्रशेखर वालिम्बे को दी गई हैं। पिछले साल जुलाई में मुख्यमंत्री कार्यालय में अफसरों के बीच काम का बंटवारा किया था। इसमें अपर सचिव चंद्रशेखर वालिम्बे को जनसाधारण से मिलने वाले पत्रों के रिकॉर्ड तैयार करना, मुख्यमंत्री के प्रस्तावित कार्यक्रमों के लिए संबंधित विभागों और जिलों से जानकारी हासिल करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। नए कार्यविभाजन को देख ऐसा लगता है कि कई बड़े अधिकारियों पर वे भारी पड़ गए हैं। इस तरह सीएम यादव ने अफसरों को सीधा संदेश दिया है कि जो ईमानदारी और मेहनत से काम करेगा उसी की पूछ-परख रहेगी।
सिंहस्थ का काम डॉ.राजौरा के पास
अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा को पूर्व के कामों के साथ-साथ सिंहस्थ 2028 की तैयारियों का जिम्मा भी मिल गया है। पहले यह जिम्मा सीएमओ में सचिव रहे भरत यादव के पास था। सीएमओ की नई टीम में एक भी प्रमुख सचिव नहीं है, पूर्व में दो प्रमुख सचिव थे। उनके पास जो जिम्मेदारी थी, वह सचिव सिबि चक्रवर्ती और डॉ. इलैयाराजा टी के साथ-साथ चार अपर सचिव चंद्रशेखर वालिम्बे, अरुण परमार, लक्ष्मण मरकाम और अरविंद कुमार दुबे के बीच बांटी गई।
अब टीम में हैं कुल 19 अफसर
सीएम की टीम में अब कुल 19 अफसर हैं। पहले 26 अफसर हुआ करते थे। पीएस संजय कुमार शुक्ला और राघवेंद्र कुमार सिंह को दूसरी जिम्मेदारी देते हुए विभागों में भेज दिया था। कुछ समय बाद सचिव भरत यादव को भी सीएमओ से सड़क विकास निगम का एमडी बना दिया। इसके बाद से ही नई टीम की चर्चा चल रही थी।
मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में कार्यविभाजन
इसके साथ ही मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में भी कार्यविभाजन किया गया है। इसमें गोपाल डाड, आशीष गुप्ता, राजेश कुमार हिंगणकर, ऋषि पवार, योगेन्द्र सिंह मौर्य, लोकेश चौहान, श्यामू श्रीवास्तव के बीच कार्य बांटे गए हैं।
ये हैं टीम के प्रमुख अफसर
-डॉ. राजेश राजौरा, एसीएस: सिंहस्थ का जिम्मा, बाकी पूर्व की जिम्मेदारी।
-सिबि चक्रवर्ती एम, सचिव: 18 विभागों सहित ग्वालियर, चंबल व सागर संभाग में समन्वय।
-डॉ. इलैयाराजा टी, सचिव: सीएम के दिल्ली दौरे से जुड़े काम। भोपाल, शहडोल, नर्मदापुरम संभाग में समन्वय का जिम्मा, 17 अन्य विभाग।
-चंद्रशेखर वालिम्बे, अपर सचिव: शासकीय, अशासकीय नियुक्तियों का जिम्मा, जरूरी मामलों से सीएम को अवगत कराना, 18 विभागों की जिम्मेदारी समेत अन्य काम।
-अरुण परमार, अपर सचिव: गृह, जेल से जुड़े विषय, मुलाकात, दौर से जुड़े काम।
-अरविंद कुमार दुबे, अपर सचिव: एसीएस डॉ. राजौरा की मदद, सीएम की बैठकों से जुड़े काम।
-लक्ष्मण मरकाम, अपर सचिव: आवंटित विभागों में कामों का अध्ययन और सुझाव जैसी पूर्व की जिम्मेदारियां।
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