इंदौर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने आने वाले दिनों की चुनौतियों का जिक्र करते हुए कहा कि वित्तीय व्यवस्था की चुनौतियों पर भी ध्यान देने की जरूरत है। जब केंद्र में भाजपा की सरकार बनी थी तब भारत की अर्थव्यवस्था 11 वें नंबर पर थी। फिर पांचवें नंबर पर आ गईं। अब हम चौथे नंबर पर आ गए होंगे। हमने भी तय किया है कि मध्यप्रदेश की इकोनॉमी को आनेवाले दिनों में डबल कर देंगे। इसके लिए सारी व्यवस्थाओं पर ध्यान दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शनिवार को ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में न्यायधीशों के लिए आयोजित बौद्धिक संपदा संगोष्ठी के उद्घाटन अवसर पर यह बात कही। सीएम यादव ने कहा कि आने वाले दिनों में हमारी न्यायायिक व्यवस्था को भी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। जटिलता के कारण इसे छोड़ा नहीं जा सकता। अब 21 वीं में तमाम चुनौतियां भी हमारे सामने आने वाली हैं। इसलिए सबसे बड़ी संपदा ज्ञान संपदा का निर्धारण करना है
हर कदम पर आपके साथ खड़ा हूं
सीएम ने कहा कि न्यायपालिका ने कोविड जैसे कठिन काल में भी अपनी भूमिका निभाई। आधुनिकता के साथ चलना सीखा। उन्होंने कहा कि जब भी सरकार की जहां भी जरूरत पड़ेगी मैं आपके साथ खड़ा हूं। उज्जैन अमृत मंथन की नगरी भी है। आपके विचारों से जो भी अमृत निकलेगा हम वह व्यवस्था बनाने की कोशिश करेंगे। सीएम ने कहा कि उन्हें बताया गया है कि हाईकोर्ट में 20 साल से पदों को बढ़ाने की जरूरत है। इसके साथ ही अलग-अलग सुधारों की भी जरूरत हैं। सरकार हमेशा साथ रहेगी।
विक्रम-बेताल का सुनाया किस्सा
सीएम ने अपने संबोधन में राजा विक्रमादित्य और बेताल का एक किस्सा भी सुनाया। संबोधन से पहले उन्होंने कहा कि हमारे पहले के वक्ता इतना अच्छा बोल चुके हैं कि मैं सोच रहा था कि क्या बोलूं। इसके लिए भी उन्होंने तिरुपति बालाजी का एक किस्सा सुनाया। कार्यक्रम में काफी संख्या में न्यायाधीशगण और नागरिक उपस्थित थे।
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