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ना-ना कर 12 साल बदली इंदौर में गुरुसिंघ सभा की कमान, नए अध्यक्ष मोनू भाटिया के सामने अब खुद को साबित करने की चुनौती

बदलाव की लहर ऐसी कि मोनू की पूरी पैनल ही जीत गई

इंदौर। इंदौर में 12 साल के बाद गुरुसिंघ सभा में नए अध्यक्ष की एंट्री हुई है। पुलिस-प्रशासन, कोर्ट-कचहरी के बीच लंबे समय से टल रहे चुनाव के लिए अंतत: 7 नवंबर को मतदान हुआ और आज यानी 8 नवंबर को रिजल्ट भी आ गया। खालसा पैनल के हरपाल सिंह मोनू भाटिया को सिख समाज ने नया अध्यक्ष चुन लिया है, वहीं प्रीतपाल सिंह महासचिव पद पर जीते हैं। बदलाव की लहर ऐसी कि मोनू की पूरी पैनल ही जीत गई। नए अध्यक्ष के सामने चुनौतियां भी कम नहीं हैं। मोनू पर मतदाताओं ने जो भरोसा जताया है, उसे कायम रखने के लिए उन्हें काफी मेहनत करनी होगी।

इस चुनाव को टालने की हर कोशिश की गई। कभी मोनू भाटिया की दांतों की जांच कराने का मामला उठा, तो कभी गुरुमुखी की परीक्षा लेने की बात उठी। मतदाता सूची का मामला कोर्ट तक पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट तक याचिका लगाई गई, लेकिन चुनाव नहीं टल पाए। सबको यह पता है कि आखिर कौन चुनाव टालना चाहता था और परिणाम ने यह स्पष्ट संकेत भी दे दिए हैं। मतदाताओं ने यह बता दिया है कि वे पिछले 12 साल की सत्ता में परिवर्तन चाहते थे। ऐसे में नए अध्यक्ष मोनू को सबको साध कर आगे बढ़ना होगा। वह कर दिखाना होगा जिसका इंतजार लोग सालों से कर रहे हैं।

रमेश मेंदोला ने पहले ही बता दिए थे परिणाम

मतगणना से पहले ही विधानसभा 2 के विधायक रमेश मेंदोला ने कहा था कि इस चुनाव में मोनू भाटिया और बॉबी छाबड़ा के पैनल की एकतरफा जीत हो रही है। उन्होंने सिर्फ परिणाम ही नहीं बता दिए बल्कि यह भी खुलासा कर दिया कि मोनू भाटिया को किसका समर्थन है। इस चुनाव की एक और खास बात रही कि रिंकू भाटिया जहां पिछले 12 साल की सत्ता बचाने के लिए चुनाव टालने की कोशिश में जुटे रहे, वहीं मोनू ने नए लोगों को जोड़ने का अपना अभियान जारी रखा। मोनू ने वैसे लोगों का समर्थन भी जुटाया जो सत्ता परिवर्तन चाहते थे।

दो पैनल से 38 उम्मीदवार थे आमने-सामने

चुनाव में अध्यक्ष, महासचिव सहित 17 सदस्यों के चुनाव के लिए खालसा-फतेह पैनल और खंडा पैनल के 38 उम्मीदवार आमने-सामने थे। इस बार 11687 मतदाता थे। अध्यक्ष पद के लिए खंडा पैनल से मनजीत सिंह उर्फ रिंकू भाटिया और खालसा-फतेह पैनल से हरपाल सिंह उर्फ मोनू भाटिया चुनाव मैदान में थे। जबकि, सचिव पद पर इंद्रजीत सिंह होरा और बंटी भाटिया मुकाबले में थे। कार्यकारिणी के 17 पदों के लिए भी 34 उम्मीदवार मैदान उतरे थे।  मोनू भाटिया ने 1550 वोटों से जीत हासिल की है, उन्हे 4305 वोट मिले। जबकि उनके प्रतिद्वंदी खंडा पैनल के मनजीत सिंह उर्फ रिंकू भाटिया को 2750 वोट ही मिले।

 

खालसा फतेह पैनल के विजयी सदस्य

1)  मनप्रीत होरा = 4497

2) रघुवीर सिंग खनूजा = 4250

3) अवतार सिंग सैनी = 4245

4) रवीन्द्र सिंग कलसी =4227

5) अमरजीत सिंग भाटिया=4200

6) जसबीर सिंग होरा=4099

7) रविन्द्र सिंग होरा = 4050

8) जसबीर सिंग अरोरा = 4048

9) सतबीर सिंग छाबडा =4028

10) जितेंद्र सिंग भाटिया = 3980

11) रवीन्द्र सिंग माखिजा = 3954

12) जगजीत सिग गांधी =3827

13) दारा सिंग सलूजा = 3811

14) चरणजीत सिंग सैनी =3782

15) कुलवंत सिंग छाबडा = 3762

16) अमन गिल = 3750

17) सतपाल सिंग खालसा = 3550

 

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