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गृह मंत्रालय के हस्तक्षेप के बाद तृष्णा गृह निर्माण संस्था में गड़बड़ी की जांच के आदेश, फर्जी तरीके से बेच दी जमीन, 15 दिन में मांगी रिपोर्ट

तृष्णा ने फर्जी तरीके से चुघ हाउसिंग एंड डेवलपर्स और बेबीलान इन्फ्रास्ट्रक्चर्स को बेची जमीन

इंदौर। इंदौर में भूमाफियाओं के हौसले अभी भी बुलंद है। सरकारी विभागों से मिलीभगत कर जमीनों का खेल जारी है। ताजा मामला तृष्णा गृह निर्माण संस्था का है। इसकी शिकायत गृह मंत्री अमित शाह से की गई। इसमें कहा गया था कि इस संस्था ने फर्जी तरीके से चुघ हाउसिंग एंड डेवलपर्स, मेसर्स बेबीलान इन्फ्रास्ट्रक्चर्स प्रा.लि. हरियाणा और अन्य तीन को यह जमीन बेच दी गई। इतना ही नहीं इस जमीन पर कमर्शियल बहुमंजिला बिल्डिंग का निर्माण भी शुरू हो गया है।

शिकायत मिलने के बाद गृह विभाग भारत सरकार के अवसर सचिव मृत्युंजय त्रिपाठी ने मध्यप्रदेश के प्रमुख सचिव को पत्र भेजा। इसमें शिकायत की जांच करने को कहा गया। इसके बाद अवर सचिव सहकारिता ने आयुक्त सहकारिता को जांच के लिए कहा। आयुक्त सहकारिता ने 11 फरवरी को उपायुक्त, सहकारिता इंदौर को मामले की जांच कर 15 दिन में रिपोर्ट देने को कहा है। इस शिकायत में कहा गया था कि सहकारिता विभाग द्वारा धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज किए जाने की अनुशंसा के बाद भी प्रकरण दर्ज नहीं हो रहा है।

खजराना की जमीन का है मामला

शिकायत में ग्राम खजराना तहसील जिला इन्दौर .प्र. के पटवारी हल्का नं. 16 में स्थित सर्वे नं. 33 रकबा 2.75 एकड तथा सर्वे नं. 28/2 रकबा 1.84 एकड का जिक्र किया गया है। शिकायतकर्ता ने कहा है कि उसके पार्टनर ने बाले-बाले उक्त भूमि तृष्णा गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्या. इन्दौर को हस्तांतरित कर दी। उक्त भूमि का विक्रय अनुबंध हमारे साथ होने के पश्चात मूल कृषक बद्रीलाल एवं घनश्याम पाटीदार द्वारा उक्त भूमि कनकेश्वरी गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्या इन्दौर को विक्रय कर दी थी, जो हमारे अनुबंध के वैध रहते हुए अपने आप में शून्य थी।

चुघ हाउसिंग एवं बेबीलान को बेची जमीन

शिकायत में कहा गया है कि तृष्णा गृह निर्माण सहकारी संस्था ने वह जमीन फिर से चुघ हाउसिंग एंड डेवलपर्स एवं अन्य तीन को तथा मेसर्स बेबीलान इन्फ्रास्ट्रक्चर्स प्रा.लि. हरियाणा को विक्रय कर दी, जबकि उन्हें इसका कोई  वैधानिक अधिकार नही था। उस समय मूल किसानों के द्वारा उक्त भूमि का सौदा किसी अन्य को कर दिया गया था। ऐसे में तृष्णा गृह निर्माण सहकारी संस्था को ऐसी कार्यवाही करने का कोई अधिकार नहीं था। इसके बावजूद इस बेची गई जमीन पर व्यवसायिक बहुमंजिला भवन का निर्माण भी शुरू हो गया था। शिकायत में जांच के बाद दोषियों के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई हो।

संस्था के सदस्यों को पहुंचाया नुकसान

जिस आदमी से जमीन बेचने का अनुबंध हुआ, उसे न बेचकर दूसरे को बेच दी। फिर दूसरे ने तृष्णा गृह निर्माण संस्था को बेच दी और तृष्णा ने किसी और को बेच दी। तृष्णा गृह निर्माण संस्था ने बिना सहकारिता विभाग के अनुमति के सदस्यों को प्लॉट न देते हुए फर्जीवाड़ा का जमीन का विक्रय कर दिया।

गृह मंत्रालय के पत्र के बाद भी विभाग सुस्त

गृह मंत्रालय तक शिकायत पहुंचने के बाद भी सहकारिता विभाग की चुप्पी यह बता रही है कि वह किस कदर भूमाफियाओं के चंगुल में फंसी हुई है। भोपाल से मामले की जांच के लिए 11 फरवरी 25 को पत्र आने के बाद भी अभी जांच की सुगबुगाहट विभाग में सुनाई नहीं दे रही है। ऐसे में मुख्यमंत्री की मंशा के अनुसार मध्यप्रदेश और उनके प्रभारी जिले इंदौर से भूमाफियाओं का अंत कैसे होगा?

 

 

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