भारतीय किसान संघ ने एक प्रस्ताव पारित कर कहा है कि किसान आंदोलन के नाम पर राजनीतिक पैंतरेबाजी की जा रही है.साथ ही ये भी कहा गया है कि हिंसक आंदोलन राष्ट्रहित में नहीं हो सकते और ऐसे पैंतरेबाज़ी में किसान ही पिसता और मरता है. राजस्थान के किशनगढ़ में पारित किए गए प्रस्ताव में कहा गया है, कभी भी किसी भी स्तर पर हिंसक आंदोलन को प्रोत्साहन, समर्थन और मदद कहीं से भी नहीं मिलनी चाहिए. हिंसक आंदोलन के प्रति शासन-प्रशासन, समाज की शून्य सहिष्णुता आज समय की मांग है.
भारतीय किसान संघ ने सरकार से मांग की है कि किसानों को लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य दिए जाएं, खेती के लिए इस्तेमाल होने वाले बीज, खाद और साजो-सामान पर जीएसटी खत्म की जाए,किसान सम्मान निधि में पर्याप्त बढ़ोतरी सहित अन्य मांग हैं
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