Home / Politics

तमिलनाडु की राजनीति में हलचल: विजय की पार्टी में प्रशांत किशोर बने विशेष सलाहकार

फिल्म अभिनेता विजय की तमिलगा वेत्री कषगम (TVK) ने चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर को अपनी पार्टी में विशेष सलाहकार नियुक्त किया है।

तमिलनाडु की राजनीति में हलचल: विजय की पार्टी में प्रशांत किशोर बने विशेष सलाहकार

फिल्म अभिनेता विजय की तमिलगा वेत्री कषगम (TVK) ने चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर को अपनी पार्टी में विशेष सलाहकार नियुक्त किया है। इसके साथ ही पार्टी ने 2026 के विधानसभा चुनावों की तैयारी शुरू कर दी है। प्रशांत किशोर ने पार्टी पदाधिकारियों के साथ लंबी बैठक कर चुनावी रणनीति और संभावित गठबंधन पर चर्चा की।

टीवीके के लिए रणनीति, 15-20% वोट शेयर का दावा

प्रशांत किशोर ने पार्टी महासचिव एन. आनंद, चुनाव प्रबंधन महासचिव आधव अरुजुना और राजनीतिक रणनीतिकार जॉन अरोकियासामी के साथ मंथन किया। इस दौरान किशोर ने टीवीके को 15-20% वोट शेयर मिलने का दावा किया।

डीएमके और अन्य पार्टियों की प्रतिक्रिया

हालांकि, तमिलनाडु की अन्य प्रमुख पार्टियों ने इस घटनाक्रम को ज्यादा तवज्जो नहीं दी।

  • डीएमके नेता और मंत्री पी. के. शेखर बाबू ने किशोर के दावे को खारिज करते हुए कहा,
    "हर पार्टी दावा कर सकती है कि उनके पास 100% वोट हैं, लेकिन जनता ने मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन को फिर से चुनने का मन बना लिया है।"

  • कनिमोझी ने कहा,
    "प्रशांत किशोर एक पेशेवर रणनीतिकार हैं, जो कई दलों के लिए काम करते हैं। हमारी पार्टी (डीएमके) को इसकी चिंता नहीं है।"

  • सीपीआई(एम) नेता के. बालाकृष्णन ने कहा,
    "सिर्फ सिनेमा की लोकप्रियता से चुनाव नहीं जीते जा सकते। तमिलनाडु के लोग राजनीतिक रूप से जागरूक हैं।"

  • एनटीके प्रमुख सीमन ने रणनीतिकारों की भूमिका को खारिज करते हुए कहा,
    "हमें चुनाव जीतने के लिए किसी रणनीतिकार की जरूरत नहीं है।"

गठबंधन पर क्या बोले अन्य दल?

  • डीएमडीके की वरिष्ठ नेता प्रेमलता विजयकांत ने कहा कि टीवीके की प्रगति विजय की अगली रणनीति पर निर्भर करेगी।

  • गठबंधन पर उन्होंने कहा कि एआईएडीएमके के साथ उनका गठबंधन जारी है, और टीवीके के साथ किसी गठबंधन की संभावनाओं पर जवाब विजय ही दे सकते हैं।

क्या तमिलनाडु की राजनीति में बड़ा बदलाव संभव?

विजय की पार्टी और प्रशांत किशोर की रणनीति को लेकर तमिलनाडु में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। हालांकि, प्रमुख दल इसे ज्यादा गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। क्या टीवीके वाकई 2026 के चुनावों में बड़ा उलटफेर कर पाएगी, या यह महज एक और चुनावी प्रयोग बनकर रह जाएगी? इसका जवाब तो आने वाले समय में ही मिलेगा।

You can share this post!

राज्यसभा में वक्फ बिल पर जेसीपी की रिपोर्ट पेश, विपक्ष का जमकर हंगामा, सदन से किया वॉकआउट

गौरव गोगोई और भाजपा के बीच तीखी राजनीतिक जंग: ISI कनेक्शन के आरोप और पलटवार

Leave Comments