मुंबई। महाराष्ट्र के सपा विधायक अबू आजमी को औरंगजेब की तारीफ महंगी पड़ी। जब से उन्होंने यह बयान दिया है, तब से वे निशाने पर हैं। आज उन्हें बजट सत्र तक के लिए विधानसभा से निलंबित कर दिया गया है। इस पर शिवसेना यूबीटी नेता उद्धव ठाकरे का कहना है कि अबू आजमी को केवल बजट सत्र तक ही नहीं बल्कि हमेशा के लिए विधानसभा से बाहर कर देना चाहिए। दूसरी तरफ आजमी के पक्ष में अखिलेश यादव ने भी बयान जारी किया है।
उद्धव ठाकरे ने अबू आजमी के बयान पर नाराजगी जताते हुए कहा कि उनका निलंबन केवल बजट सत्र तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए। उन्हें स्थायी रूप से विधानसभा से बाहर कर देना चाहिए। ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र की जनता इस बयान का विरोध कर रही है। ऐसे नेताओं के लिए यहां कोई जगह नहीं होनी चाहिए। ठाकरे ने कहा कि अगर अखिलेश यादव को अबू आजमी का इतना ही समर्थन करना है तो वह उन्हें यूपी से चुनाव लड़वा सकते हैं। महाराष्ट्र की जनता ने अबू आजमी के बयान को पूरी तरह खारिज कर दिया है।
अखिलेश यादव ने किया निलंबन का विरोध
अखिलेश यादव ने अबू आजमी के निलंबन का विरोध करते हुए सोशल एक्स पर लिखा कि अगर निलंबन का आधार विचारधारा से प्रभावित होने लगे तो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और गुलामी में क्या फर्क रहेगा? हमारे विधायक और सांसद अपने बेखौफ विचारों के लिए जाने जाते हैं। अगर कोई यह सोचता है कि निलंबन से सच की आवाज दबाई जा सकती है तो यह उनकी नकारात्मक सोच की बचकानी हरकत है। आज की सोच कहती है, हमें बीजेपी नहीं चाहिए!
अबू बोले-अपमान का सोच भी नहीं सकता
अबू आजमी ने कहा कि मैंने कभी ऐसा कुछ नहीं कहा। मैं किसी राष्ट्रीय नायक के खिलाफ कुछ बोलने की कभी सोच भी नहीं सकता। असम के मुख्यमंत्री (हिमंत बिस्व सरमा) ने (कांग्रेस नेता) राहुल गांधी और (सपा अध्यक्ष) अखिलेश यादव की तुलना औरंगजेब से की। जब मुझसे औरंगजेब के चरित्र के बारे में पूछा गया, तो मैंने कहा कि मैं युग में पैदा नहीं हुआ था। जो भी सतीश चंद्र, राजीव दीक्षिक, राम पुनियानी, अवध ओझा, मीना भार्गव ने लिखा है, मैं केवल वही कह सकता हूं। मैंने केवल यह कहा कि भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) बहुत अच्छा था और उस समय उन्होंने मंदिरों को भी दान दिया था। मैंने जो कुछ भी कहा, वह लिखा हुआ है। मैंने अपनी ओर से कुछ नहीं कहा।
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