इंदौर। मात्र 6 रुपए की लीज पर शासकीय जमीन पर चल रहे यशवंत क्लब के कर्ताधर्ताओं ने नगर निगम को संपत्ति कर के रूप में 15 करोड़ रुपए का चूना लगाया है। क्लब के अध्यक्ष,सचिव,पूर्व अध्यक्ष एवं समस्त पदाधिकारियों ने संयुक्त रूप से सुनियोजित षड्यंत्र रचकर यह धोखाधड़ी की है। यशवंत क्लब के अध्यक्ष, सचिव,पू र्व अध्यक्ष सहित कार्यकारिणी के समस्त पदाधिकारियों पर बीएनएस की धारा 318(4),61,303,152 के अंतर्गत मुक़दमा दर्ज होना चाहिए। इसके साथ ही यशवंत क्लब परिसर को सील कर लीज निरस्त करने के साथ ही तत्काल रिसीवर बैठाया जाना चाहिए।
यह मांग आज मंगलवार यानी 18 फरवरी को म.प्र.कांग्रेस कमेटी के पूर्व महासचिव राकेश सिंह यादव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में की है। उन्होंने मय दस्तावेजों के आरोप लगाया कि यशवंत क्लब के कर्ताधर्ताओं ने संयुक्त रूप से षड्यंत्र करके इंदौर के विकास में लगने वाला नगर निगम की टैक्स राशि को पिछले 50 साल से धोखाधड़ी करके लूट रहें हैं।
इस तरह की निगम से धोखाधड़ी
राकेश सिंह यादव द्वारा उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों के अनुसार राजस्व रिकॉर्ड में कुल भूमि 6.0590 हेक्टेयर यानी लगभग 14.965 एकड़ है। इंदौर नगर निगम में दर्ज रिकॉर्ड अनुसार यशवंत क्लब की कुल भूमि 3.692 हेक्टेयर यानी लगभग 9.12 एकड़ है। मौके पर यशवंत क्लब द्वारा कुल 6.109 यानी 15.09 एकड़ जमीन का उपयोग किया जा रहा है। नगर निगम में संपत्ति कर कुल भूमि 2.41 हेक्टेयर लगभग 5.97 एकड़ का टैक्स पिछले 50 साल से नहीं दिया जा रहा हैं। राकेश सिंह यादव ने बताया कि इस तरह लगभग गणना अनुसार 12 से 15 करोड़ टैक्स की हेराफेरी की गई है। यह ऐतिहासिक आर्थिक घोटाला है। सरकार को तत्काल यशवंत क्लब को सीज करके अध्यक्ष और सचिव एंव पूर्व अध्यक्ष की संपत्ति संपत्तिकर की वसूली के लिए जब्त करना चाहिए।
क्लब की टीम पिछले लगभग 30 साल से लापता
राकेश सिंह यादव ने कहा कि यशवंत क्लब आज से तीस साल पहले क्रिकेट क्लब के रूप में पहचाना जाता था। पिछले तीस सालों से यशवंत क्लब की न क्रिकेट टीम हैं न ही ए ग्रेड के क्रिकेट क्लब का रजिस्ट्रेशन आईडीसीए से हैं। पिछले 30 साल में एक भी खिलाड़ी यशवंत क्लब से निकलकर जिला स्तर पर भी नहीं पहुंचा हैं। यशवंत क्लब में क्रिकेट का बल्ला पकड़ने वाला एक भी खिलाड़ी नहीं हैं।
अल्पसंख्यक वर्ग को सदस्य नहीं बनाते
काग्रेस नेता यादव ने कहा कि यशवंत क्लब में भारत के संविधान की उल्लंघन करते हुए नियमों में बदलाव नहीं करके संविधान की धज्जियाँ उड़ाई जाती हैं।ओबीसी, एससी, एसटी, अल्पसंख्यक वर्ग के व्यक्तियों को दरकिनार करके सदस्य नहीं बनाया जाता हैं, जबकि यह क्लब शासकीय लीज की भूमि पर निर्मित हैं। यशवंत क्लब की असंवैधानिक गतिविधियों के कारण लीज निरस्त करके यशवंत क्लब का अधिग्रहण सरकार को तत्काल करना चाहिए।
मिस द बस योजना का मिस यूज
राकेश सिंह यादव ने कहा कि क्लब की मिस द बस योजना भ्रष्टाचार और आर्थिक अनियमितताओं की योजना हैं। यशवंत क्लब के पदाधिकारियों ने सबसे पहले मिस द बस योजना में सद्सके बच्चों को सदस्य बनाने के लिए उम्र का निर्धारण किया। इसमें 50 हज़ार में सदस्य बनाए गये । इसके बाद एक अवैध एजीएम (अवैध इसलिए की एमजीएम की अध्यक्षता करने वाले का पेमेंट बकाया था) में निर्णय करके मिस द बस योजना में उम्र बंधन समाप्त करके सचिव ने अपने भाई को मात्र 5 लाख में एंव भाई के बच्चों को मात्र 50-50 हज़ार में सदस्य बना लिया। जबकि 100 सदस्य बनाने की योजना जारी होने वाली थी,लेकिन नये सदस्य योजना में प्रति सदस्य जीएसटी सहित लगभग 30 लाख रूपये प्रति व्यक्ति यशवंत क्लब को प्राप्त होते। सचिव ने मिस द बस योजना का मिस यूज करके 90 लाख का आर्थिक घोटाला करके यशवंत क्लब को चूना लगाया। यशवंत क्लब सचिव के भाई के 90 लाख बच गये। सचिव के भाई और उनके बच्चे मात्र 6 लाख में यशवंत क्लब के सदस्य बन गये।
शैल कंपनियों के माध्यम से बड़ा खेल
यादव ने आरोप लगाया कि बंद शैल कंपनियों के माध्यम से मात्र 15 लाख एवं जीएसटी लगाकर सदस्यता दी गई, जबकि आम आदमी को 25 लाख एवं जीएसटी सहित सदस्यता दी जाती हैं। बंद शैल कंपनियों का जमकर उपयोग किया गया। यादव ने कहा कि इस मामले की जांच हो तो बड़ा घोटाला सामने आएगा।
लीज डीड से लेआउट प्लान मेजरमेंट गायब
कांग्रेस नेता ने कहा कि जिला प्रशासन की लीज डीड से ले-आउट प्लान गायब करके राजस्व का नुकसान करने का षड्यंत्र किया गया। कितनी जमीन लीज डीड में आवंटित हैं इसका खुलासा नहीं किया गया हैं। ले-आउट प्लान गायब हैं।
अपराधियों का पनाहगार बन गया है क्लब
राकेश सिंह यादव ने आरोप लगाया कि यह क्लब पुलिस प्रशासन की नो रेड, नो एंट्री से अपराधियों के लिए सुरक्षित पनाहगार बन गया है। यशवंत क्लब में कितने सदस्यों पर अपराधिक एंव आर्थिक अपराध के मुकदमे चल रहे हैं इसकी जानकारी क्लब सार्वजनिक करके बोर्ड पर लगारए। आर्थिक अनियमितताओं के आरोपों की जॉंच हेतु यशवंत क्लब के 25 साल की ऑडिट रिपोर्ट एंव बैंक खातों का मिलान किया जाए। इसके साथ ही यशवंत क्लब ने संविधान के नियमों का पालन नहीं करके अंग्रेजों के नियमों के अनुरूप क्लब के नियम बनाये हैं। समय अनुसार संविधान के अनुरूप क्लब के नियमों में सुधार नहीं करके संविधान को चुनौती दी गई है। यशवंत क्लब में बांसवाड़ा से संबंधित कुछ वोटर पीढ़ी दर पीढ़ी काम कर रहें हैं। इनकी संख्या दस से बारह है। ये मामला गंभीर हैं, क्योंकि इंदौर में अधिकतर ड्रग्स सप्लाई इन्हीं क्षेत्रों होती है।
सीएम से लेकर सभी विभागों को भेजी शिकायत
राकेश सिंह यादव ने बताया कि उन्होंने दस्तावेजी सबूतों सहित मुख्यमंत्री, संभागायुक्त, जिला प्रशासन, नगर निगम आयुक्त, डीजीपी म.प्र,आर्थिक अपराध शाखा में शिकायत दर्ज कराई है। दलित समाज के नेता तेज प्रकाश राणे एंव अखिल भारतीय वाल्मीकि महासभा (रजि.) के शहर अध्यक्ष दीपेंद्र बागरे ने भी दलितों के पक्ष में यशवंत क्लब द्वारा बाबा साहेब आम्बेडकर के संविधान का उल्लंघन करने का आरोप लगाया। सभी ने जिला प्रशासन से लीज निरस्त करके यशवंत क्लब में रिसीवर नियुक्त करने की मांग की हैं।
सरकारी जमीन पर चला रहे निजी क्लब
कांग्रेस नेता राकेश सिंह यादव ने बोला शासकीय लीज की जमीन पर यशवंत क्लब के कर्ताधर्ता निजी क्लब चला रहे हैं। वे हमेशा नियमों का हवाला देते रहते हैं और अगर कोई शिकायत करे तो उसे डरा-धमाकर दबा देते हैं। यादव ने सवाल उठाया कि आखिर इस क्लब में ऐसा क्या है जो सरकारी अधिकारी इससे बचते हैं।
भाजपा नेताओं की चुप्पी से भी उठते हैं सवाल
यह क्लब शुरू से ही कांग्रेस नेताओं के संरक्षण में चलता रहा। अब जबकि लंबे समय से प्रदेश में भाजपा की सरकार है, लेकिन कोई भाजपा नेता इस पर सवाल नहीं उठाता। कांग्रेस के कार्यकाल में इस क्लब में हुए घोटाले पर भाजपा नेताओं की चुप्पी भी कई सवाल खड़े करती है।
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