अमेरिकी टैरिफ का भारतीय निर्यात पर सीमित प्रभाव: एसबीआई रिपोर्ट
व्यापार प्रतिबंधों को लेकर बढ़ती चिंताओं के बावजूद, ट्रंप प्रशासन द्वारा लगाए जाने वाले संभावित पारस्परिक टैरिफ का भारतीय निर्यात पर सीमित प्रभाव रहने की उम्मीद है।
- Published On :
18-Feb-2025
(Updated On : 18-Feb-2025 10:33 am )
अमेरिकी टैरिफ का भारतीय निर्यात पर सीमित प्रभाव: एसबीआई रिपोर्ट
व्यापार प्रतिबंधों को लेकर बढ़ती चिंताओं के बावजूद, ट्रंप प्रशासन द्वारा लगाए जाने वाले संभावित पारस्परिक टैरिफ का भारतीय निर्यात पर सीमित प्रभाव रहने की उम्मीद है। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की एक रिपोर्ट के अनुसार, यदि अमेरिका 15-20 प्रतिशत तक के ऊंचे टैरिफ भी लगाता है, तब भी भारतीय निर्यात में कुल गिरावट केवल 3-3.5 प्रतिशत तक सीमित रह सकती है।

रिपोर्ट की प्रमुख बातें
-
अमेरिकी टैरिफ का सीमित प्रभाव:
एसबीआई रिपोर्ट के मुताबिक, 15-20% तक टैरिफ लगाए जाने पर भी भारतीय निर्यात में गिरावट 3-3.5% के दायरे में रहने का अनुमान है।
-
निर्यात रणनीति में विविधता:
भारत अपने उत्पादों और सेवाओं के मूल्य में वृद्धि कर, नए व्यापार मार्गों की खोज कर और रणनीतिक विविधता लाकर इस प्रभाव को संतुलित कर सकता है।
-
अमेरिका भारत का सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य:
वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारतीय निर्यात में अमेरिका की हिस्सेदारी 17.7% है, लेकिन भारत अब अपनी अत्यधिक निर्भरता को कम करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
भारत की व्यापार नीति में बदलाव
एसबीआई रिपोर्ट बताती है कि भारतीय टैरिफ नीतियां अधिक गतिशील रही हैं, जबकि अमेरिकी टैरिफ अपेक्षाकृत स्थिर रहे हैं।
-
2018 में भारतीय वस्तुओं पर अमेरिकी टैरिफ 2.72% था, जो 2021 में बढ़कर 3.91% हो गया और 2022 में मामूली घटकर 3.83% रह गया।
-
भारत ने अमेरिकी आयातों पर टैरिफ बढ़ाया:
-
2018 में 11.59% से बढ़कर
-
2022 में 15.30% हो गया।
भारत की नई व्यापार रणनीति
-
भारत अब कच्चे माल के बजाय उच्च मूल्य वाले तैयार माल के निर्यात पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, जिससे वैश्विक बाजारों में भारतीय उत्पाद अधिक प्रतिस्पर्धी बने रहेंगे।
-
यूरोप, मध्य पूर्व और अमेरिका को जोड़ने वाले वैकल्पिक व्यापार मार्गों पर भी काम किया जा रहा है, जिससे रसद लागत घटेगी और आपूर्ति श्रृंखला अधिक कुशल होगी।
-
नई आपूर्ति श्रृंखलाओं के विकास से वैश्विक व्यापार में भारत की स्थिति मजबूत होगी, जिससे दीर्घकालिक निर्यात वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा।
एसबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका द्वारा संभावित टैरिफ वृद्धि के बावजूद भारतीय निर्यात पर इसका प्रभाव सीमित रहेगा। भारत निर्यात विविधीकरण, रणनीतिक व्यापार नीति और नई आपूर्ति श्रृंखलाओं के निर्माण के माध्यम से इस प्रभाव को कम कर सकता है। दीर्घकालिक रूप से, यह रणनीति भारत के निर्यात को बढ़ाने और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में मजबूती देने में सहायक होगी।
Next article
इंडियाज गॉट लेटेंट' विवाद: महिला आयोग की सुनवाई में नहीं पहुंचे यूट्यूबर्स, नई तारीखें जारी
Leave Comments