बंधकों की रिहाई के लिए इजराइल और हमास के बीच बातचीत, कतर में जुटेंगे दोनों पक्ष
इजराइल ने हमास और हिजबुल्लाह को कमजोर करने के बावजूद अपने बंधकों को रिहा नहीं करवा पाया है। यही कारण है कि अब इजराइल ने कतर में वार्ता शुरू करने का फैसला किया है।
- Published On :
04-Jan-2025
(Updated On : 04-Jan-2025 11:38 am )
बंधकों की रिहाई के लिए इजराइल और हमास के बीच बातचीत, कतर में जुटेंगे दोनों पक्ष
इजराइल ने हमास और हिजबुल्लाह को कमजोर करने के बावजूद अपने बंधकों को रिहा नहीं करवा पाया है। यही कारण है कि अब इजराइल सरकार ने बातचीत का रास्ता अपनाते हुए कतर में वार्ता शुरू करने का फैसला किया है।
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गुरुवार को घोषणा की कि एक उच्चस्तरीय इस्राइली प्रतिनिधिमंडल को कतर भेजा जा रहा है। यह प्रतिनिधिमंडल बंधकों की रिहाई के लिए बातचीत करेगा। इसमें इस्राइली खुफिया एजेंसी मोसाद, शिन बेत और सेना (IDF) के अधिकारी शामिल हैं।

बंधकों की रिहाई की उम्मीदें बढ़ीं
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इजराइल और हमास के बीच पिछले कुछ दिनों से बातचीत की सहमति बन रही थी। हमास ने करीब 100 इजराइली बंधकों को हिरासत में लिया हुआ है। इस वार्ता में हमास का एक प्रतिनिधिमंडल भी कतर की राजधानी दोहा में पहुंचने की संभावना है।
कतर की भूमिका और नई पहल
बीते नवंबर में कतर ने बातचीत से खुद को अलग कर लिया था, यह आरोप लगाते हुए कि इजराइल और हमास बातचीत में गंभीर नहीं हैं। इसके बावजूद पर्दे के पीछे बातचीत की कोशिशें जारी रहीं। अब कतर में हो रही बैठक से उम्मीदें जगी हैं कि कोई ठोस नतीजा सामने आ सकता है।
हमास की शर्तें और इजराइल का रुख
हमास ने बंधकों की रिहाई के लिए लड़ाई पर रोक लगाने की शर्त रखी है। हालांकि, इजराइल ने अब तक इस शर्त को मानने से इनकार किया है।
अंतरराष्ट्रीय दबाव और अमेरिका की भूमिका
अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी हमास को चेतावनी दी है कि वह जल्द से जल्द बंधकों को रिहा करें, वरना इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी दोनों पक्षों से शांति और बंधकों की रिहाई के लिए प्रयास करने की अपील कर रहा है।
नेतन्याहू के फैसले का स्वागत
बंधकों की रिहाई के लिए सक्रिय "द होस्टेज एंड मिसिंग फैमिलीज फोरम" ने इजराइली सरकार के फैसले का स्वागत किया। फोरम ने इसे एक अवसर बताया और उम्मीद जताई कि इस बार वार्ता सफल होगी।
क्या बनेगी सहमति?
दोनों पक्षों के बीच गहरी खाई और हमास की सख्त शर्तों के बावजूद कतर में शुरू हुई बातचीत से यह देखना होगा कि क्या वाकई बंधकों की रिहाई के लिए कोई सहमति बन पाती है। यह वार्ता न केवल इस्राइल और हमास के संबंधों के लिए बल्कि पूरे क्षेत्र की स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।
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