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भारत में जल्द लॉन्च होगी सैटेलाइट इंटरनेट सेवा, गांवों से समुद्र तक पहुंचेगा हाई-स्पीड इंटरनेट!

देश में इंटरनेट सेवाओं में बड़ा बदलाव आने वाला है। केंद्र सरकार जून 2025 तक सैटेलाइट इंटरनेट सेवा शुरू करने की योजना बना रही है,

भारत में जल्द लॉन्च होगी सैटेलाइट इंटरनेट सेवा, गांवों से समुद्र तक पहुंचेगा हाई-स्पीड इंटरनेट!

देश में इंटरनेट सेवाओं में बड़ा बदलाव आने वाला है। केंद्र सरकार जून 2025 तक सैटेलाइट इंटरनेट सेवा शुरू करने की योजना बना रही है, जिससे उपयोगकर्ताओं का इंटरनेट अनुभव पूरी तरह बदल जाएगा। इस सेवा के जरिए गांवों से लेकर समुद्र तक इंटरनेट कनेक्टिविटी संभव होगी।

ट्राई तैयार कर रहा सैटेलाइट इंटरनेट के लिए नीति

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) सैटेलाइट कम्युनिकेशन की मूल्य निर्धारण (Pricing) और उपयोग नीति पर काम कर रहा है। यह प्रक्रिया पिछले दो वर्षों से जारी है और जल्द ही अंतिम चरण में पहुंच जाएगी।

स्पेक्ट्रम नीलामी और प्रमुख कंपनियों की भागीदारी

  • जैसे ही नियामक ढांचा तैयार होगा, स्पेक्ट्रम आवंटन की प्रक्रिया शुरू होगी।

  • प्रमुख कंपनियां रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और स्टारलिंक इस सेवा को लॉन्च करने के लिए तैयार हैं।

  • TRAI मार्च 2025 तक अपनी सिफारिशें सरकार को सौंप सकता है, जिसके बाद स्पेक्ट्रम नीलामी में 2-3 महीने लग सकते हैं।

  • जून 2025 तक व्यावसायिक रूप से सेवाएं शुरू होने की उम्मीद है।

क्या है सैटेलाइट इंटरनेट और कैसे करेगा काम?

- सैटेलाइट इंटरनेट एक वायरलेस हाई-स्पीड इंटरनेट सेवा है, जो उन इलाकों में इंटरनेट उपलब्ध कराएगी जहां केबल और मोबाइल टावरों की सुविधा नहीं है।
- इस तकनीक में अंतरिक्ष में मौजूद सैटेलाइट्स का उपयोग किया जाता है, जो धरती पर मौजूद रिसीवर से कनेक्ट होकर इंटरनेट डेटा ट्रांसफर करते हैं।
- यह सेवा खासकर ग्रामीण और दुर्गम क्षेत्रों के लिए गेम-चेंजर साबित होगी, जहां फाइबर-ऑप्टिक नेटवर्क बिछाना मुश्किल होता है।

भारत में सैटेलाइट इंटरनेट से होंगे बड़े फायदे

 ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में हाई-स्पीड इंटरनेट पहुंचेगा।
- शिक्षा, हेल्थकेयर, व्यापार और डिजिटल सेवाओं में सुधार होगा।
- डिजिटल इंडिया मिशन को मिलेगी मजबूती।

महंगी हो सकती है सैटेलाइट इंटरनेट सेवा!

दुनिया के कई देशों में सैटेलाइट इंटरनेट पहले से मौजूद है, लेकिन यह ब्रॉडबैंड की तुलना में महंगा है। इसकी मुख्य वजह सैटेलाइट लॉन्चिंग और रखरखाव की उच्च लागत है। हालांकि, सरकार और निजी कंपनियां इसे अधिक सुलभ और किफायती बनाने की दिशा में काम कर रही हैं।

 -क्या भारत में सैटेलाइट इंटरनेट डिजिटल क्रांति लाएगा?
इंटरनेट की इस नई क्रांति से देश के हर कोने तक कनेक्टिविटी पहुंचेगी। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि भारत में यह सेवा कितनी तेजी से अपनाई जाती है और उपभोक्ताओं को किस कीमत पर मिलती है! 

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