नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज गुयाना की संसद में सबोधन दिया। पीएम ने कहा कि दुनिया के लिए यह समय संघर्ष का नहीं है, बल्कि यह समय संघर्ष पैदा करने वाली स्थितियों को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज आतंकवाद, ड्रग्स, साइबर क्राइम, ऐसी कितनी चुनौतियां हैं। आने वाली पीढ़ियों के लिए बेहतर भविष्य बनाने के लिए हमें इन मुद्दों का डटकर सामना करना होगा।
एम ने कहा कि यह तभी संभव है जब हम लोकतंत्र पहले, मानवता पहले को प्राथमिकता दें। गुयाना में लोकतंत्र को मजबूत करने का हर प्रयास विश्व को मजबूत कर रहा है। आज वैश्विक परिस्थितियों पर लगातार नजर रखना है। जब हम आजाद हुए थे तो चुनौतियां अलग थीं, आज 21 वीं सदी में चुनौतियां अलग हैं। दूसरे विश्वयुद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं ध्वस्त होती जा रही हैं। कोरोना के बाद यहां विश्व को एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था पर आज दुनिया किन्हीं और मामलों में फंस गई है। हमें ह्यूमेनिटी फर्स्ट की भावना से काम करना होगा।
गुयाना से संबध बहुत पुराने
पीएम ने कहा कि गुयाना और भारत की मित्रता काफी पुरानी है। 180 साल पहले भारतियों ने यहां की धरती पर कदम रखा था। दोनों ने आजादी के लिए एक जैसी छटपाहट थी। यहां पर महात्मा गांधी के करीबियों ने आजादी की लड़ाई मिलकर लड़ी और आजादी पाई। आज हम दोनों ही देश लोकतंत्र को मजबूत कर रहे हैं। हम हर उतार-चढ़ाव में लोकतंत्र को मजबूत कर रहे हैं।
Leave Comments