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HSBC रिपोर्ट: 2047 तक विकसित अर्थव्यवस्था बनने के लिए भारत को चाहिए तेज बैंकिंग और वित्तीय विस्तार

HSBC म्यूचुअल फंड की ताज़ा रिपोर्ट, भारत को विकसित अर्थव्यवस्था बनने के लिए वित्तीय और बैंकिंग परिसंपत्तियों को GDP की तुलना में कहीं अधिक तेज़ी से बढ़ाना होगा।

HSBC रिपोर्ट: 2047 तक विकसित अर्थव्यवस्था बनने के लिए भारत को चाहिए तेज बैंकिंग और वित्तीय विस्तार

HSBC म्यूचुअल फंड की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, भारत को 2047 तक एक विकसित अर्थव्यवस्था बनने के अपने महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए वित्तीय और बैंकिंग परिसंपत्तियों को GDP की तुलना में कहीं अधिक तेज़ी से बढ़ाना होगा।

9 गुना बढ़ेगी भारतीय GDP

वर्तमान में, भारत की GDP 3.4 लाख करोड़ डॉलर (2023) है, और रिपोर्ट के मुताबिक, यह 2047 तक 9 गुना बढ़कर 30 लाख करोड़ डॉलर तक पहुंच सकती है। हालांकि, इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए बैंकिंग और वित्तीय परिसंपत्तियों को और भी अधिक तेज़ी से बढ़ाने की आवश्यकता होगी।

बैंकिंग क्षेत्र को चाहिए 4 ट्रिलियन डॉलर की पूंजी

2047 तक भारतीय बैंकिंग सिस्टम को 347.3 लाख करोड़ रुपये (4 ट्रिलियन डॉलर) की पूंजी जुटाने की जरूरत होगी। इससे देश की बैंकिंग परिसंपत्तियां 14.5 गुना बढ़कर 45 लाख करोड़ डॉलर तक पहुंच सकती हैं, जो वर्तमान में 3.1 लाख करोड़ डॉलर के स्तर पर हैं।

वित्तीय क्षेत्र को चाहिए 19 गुना विस्तार

HSBC की रिपोर्ट बताती है कि भारत के वित्तीय परिसंपत्तियों को 2023 के 6.4 लाख करोड़ डॉलर से बढ़कर 2047 तक 120 लाख करोड़ डॉलर तक पहुंचना होगा। इस विस्तार से निवेश, व्यापार, औद्योगिक और बुनियादी ढांचे के विकास को मजबूती मिलेगी।

वैश्विक तुलना: भारत को पकड़नी होगी तेज रफ्तार

वर्तमान में अमेरिका 135 लाख करोड़ डॉलर की वित्तीय परिसंपत्तियों के साथ सबसे आगे है, जबकि चीन 78 लाख करोड़ डॉलर और जर्मनी 21 लाख करोड़ डॉलर के साथ क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं। भारत अभी इन देशों की तुलना में काफी पीछे है, लेकिन 2047 तक एक वैश्विक आर्थिक शक्ति बनने के लिए उसे इस क्षेत्र में तेजी से विस्तार करना होगा।

2030 तक दोगुनी होगी GDP, लेकिन चुनौती बरकरार

HSBC की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की GDP 2030 तक दोगुनी होकर 7 लाख करोड़ डॉलर तक पहुंच सकती है। हालांकि, 2047 तक उच्च वृद्धि बनाए रखना सबसे बड़ी चुनौती होगी।

क्या कहती है रिपोर्ट?

रिपोर्ट के अनुसार, अगर भारत अपने वित्तीय क्षेत्र का अपेक्षित गति से विस्तार करता है, तो वह 2047 तक 30 लाख करोड़ डॉलर की GDP के लक्ष्य को हासिल कर सकता है और वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक प्रमुख भूमिका निभा सकता है।

निष्कर्ष

2047 तक विकसित अर्थव्यवस्था बनने के लिए भारत को बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र में भारी निवेश, तेज़ विकास और स्थिर नीतियों की जरूरत होगी। अगर देश इस दिशा में सही कदम उठाता है, तो वह वैश्विक आर्थिक महाशक्ति बनने की राह पर आगे बढ़ सकता है।

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