लॉर्ड रमी रेंजर से CBE सम्मान वापस लिए जाने पर विवाद
ब्रिटिश संसद के सदन हाउस ऑफ लॉर्ड्स के भारतीय मूल के सदस्य रमिंदर सिंह रेंजर,[ लॉर्ड रमी रेंजर] से ब्रिटिश राजघराने द्वारा कमांडर ऑफ द ब्रिटिश एंपायर का सम्मान वापस ले लिया गया
- Published On :
08-Dec-2024
(Updated On : 08-Dec-2024 11:14 am )
लॉर्ड रमी रेंजर से CBE सम्मान वापस लिए जाने पर विवाद
ब्रिटिश संसद के उच्च सदन हाउस ऑफ लॉर्ड्स के भारतीय मूल के सदस्य रमिंदर सिंह रेंजर, जिन्हें लॉर्ड रमी रेंजर के नाम से भी जाना जाता है, से ब्रिटिश राजघराने द्वारा कमांडर ऑफ द ब्रिटिश एंपायर (CBE) का सम्मान वापस ले लिया गया। इस निर्णय के पीछे संसदीय आचार संहिता के उल्लंघन के आरोपों को बताया गया है।
सम्मान वापस लेने का कारण
ब्रिटिश मंत्रिमंडल कार्यालय की जब्ती समिति ने इस कदम के पीछे कारण स्पष्ट नहीं किया, लेकिन यह निर्णय लॉर्ड्स की जांच के बाद आया, जिसमें रेंजर पर धमकाने और उत्पीड़न से जुड़े आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगा था।
रेंजर को 2015 में ‘कमांडर ऑफ द सिविल डिविजन ऑफ द मोस्ट एक्सीलेंट ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश एंपायर’ का सम्मान दिया गया था।
पारदर्शिता पर सवाल
लॉर्ड रेंजर ने निर्णय प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी और गोपनीयता पर गंभीर सवाल उठाए।
उन्होंने कहा कि सम्मान का इस तरह से छिन जाना नागरिकों को अपनी राय रखने से हतोत्साहित करने जैसा है। उनके प्रवक्ता ने कहा,
लॉर्ड रेंजर ने न तो कोई अपराध किया है और न ही कोई कानून तोड़ा है। यह निर्णय उनके खिलाफ अन्यायपूर्ण है, और वह कानूनी माध्यमों से इसे चुनौती देंगे।
हिंदू समुदाय के प्रतिनिधि का सम्मान भी रद्द
इसके अलावा, अनिल कुमार भनोट का ‘ऑफिसर ऑफ द सिविल डिविजन ऑफ द मोस्ट एक्सीलेंट ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश एंपायर’ (OBE) सम्मान भी रद्द कर दिया गया।
भनोट को 2010 में हिंदू समुदाय और अंतर-धार्मिक संबंधों में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया था।
सम्मान प्रणाली के नियम
ब्रिटिश मंत्रिमंडल कार्यालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति का आचरण सम्मान प्रणाली को बदनाम करता है, तो सम्मान वापस लिया जा सकता है। इसमें फौजदारी अपराध या पेशेवर निकाय द्वारा निंदा जैसे मामले शामिल हैं।
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