अमेरिका के बाइडन प्रशासन पर लंबे वक्त से जूलियन असांज मामले को सुलझाने का दबाव था.अप्रैल महीने में ही राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा था कि उनके करीबी सहयोगी ऑस्ट्रेलिया ने जूलियन असांज के प्रत्यर्पण केस और कानूनी मसलों को खत्म करने के लिए अनुरोध किया है.ये उस घटना से बिल्कुल ही अलग है जब तीन साल पहले अमेरिका के न्याय विभाग ने प्रत्यर्पण का केस चलाने का फैसला किया था.
साल 2019 में इक्वाडोरियन दूतावास को छोड़ने के बाद जूलियन असांज ब्रिटेन में गिरफ़्तार हुए थे, उस वक्त हिलेरी क्लिंटन समेत कई डेमोक्रेट नेताओं ने कहा था कि ''उन्होंने(असांज ने) जो किया है उसका जवाब देना होगा.'जूलियन असांज पर अमेरिका की पूर्व विदेश मंत्री और कई अन्य नेताओं ने ये आरोप लगाया था कि उन्होंने साल 2016 के राष्ट्रपति चुनावों में रूस के साथ मिलकर हेरा फेरी की.लेकिन डेमोक्रेटिक पार्टी के अंदर ही कई प्रगतिशील नेताओं ने इसे अलग नज़रिए से देखा था. उनका कहना था कि एक ऑस्ट्रेलियन नागरिक के ख़िलाफ़ मुकदमा चलाने का मतलब फ़्री स्पीच का उल्लंघन होगा, बतौर पत्रकार असांज इसके हकदार हैं.अब इस मामले में अमेरिका का ये कदम उसके शुरुआती स्टैंड से बिलकुल उलट दिखाई देता है.
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