ललित गर्ग, वरिष्ठ पत्रकार (दिल्ली)
ललित गर्ग
वरिष्ठ पत्रकार
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के तीसरे कार्यकाल का प्रथम सम्पूर्ण बजट वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रस्तुत किया। उनकी ओर से प्रस्तुत यह बजट एक मौलिक सोच एवं दृष्टि से दुनिया में भारतीय अर्थव्यवस्था को एक चमकते सितारे के रूप में स्थापित करने एवं सुदृढ़ आर्थिक विकास के लिये आगे की राह दिखाने वाला है। संभावना है कि इस बजट में समावेशी विकास, वंचितों को वरीयता, नौकरीपेशा का थोड़ी राहत, बुनियादी ढांचे में निवेश, पर्यटन को बढ़ावा, आदिवासी उन्नयन, क्षमता विस्तार, हरित एवं कृषि विकास, महिलाओं एवं युवाओं की भागीदारी, मोदी के नये भारत-सशक्त भारत-विकसित पर बल दिया गया है। वित्त मंत्री ने सरकार की 9 प्राथमिकताओं -खेती में उत्पादकता और मजबूती बढ़ाना, रोजगार और स्किल डेवलपमेंट, मानव संसाधन का समावेशी विकास और सामाजिक न्याय, मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज, अर्बन डेलपमेंट, एनर्जी सिक्योरिटी, इंफ्रास्ट्रक्चर, इन्नोवेशन, रिसर्च एंड डेवलपमेंट, नेक्स्ट जेनरेशन रिफॉर्म्स का ऐलान किया है, जो देश को आत्मनिर्भर बनाने की रफ्तार को भी गति देगा। बजट में जहां बिहार और आंध्र प्रदेश को विशेष योजनाओं से जोड़ा गया है वहीं महंगाई को नियंत्रित करने की मंशा साफ दिखाई दी है। विकास, स्टार्टअप और रोजगार सृजन के कार्यक्रमों पर विशेष ध्यान दिया गया है। यह बजट देश को न केवल विकसित देशों में बल्कि इसकी अर्थव्यवस्था को विश्व स्तर पर तीसरे स्थान दिलाने के संकल्प को बल देने में सहायक बनेगा।
सशक्त एवं विकसित भारत निर्मित करने, उसे दुनिया की आर्थिक महाशक्ति बनाने और अर्थव्यवस्था को तीव्र गति देने की दृष्टि से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा मंगलवार को लोकसभा में प्रस्तुत आम बजट इसलिए विशेष रूप से उल्लेखनीय है, क्योंकि मोदी सरकार ने देश के आर्थिक भविष्य को सुधारने पर ध्यान दिया, न कि लोकलुभावन योजनाओं के जरिये प्रशंसा पाने अथवा कोई राजनीतिक लाभ
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