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ऐतिहासिक प्रसंग की फिल्में देखने का शौक है तो जरूर देखिए 'छावा'

फिल्म में देखने को मिलेगा मराठा योद्धाओं का गोरिल्ला युद्ध कौशल

Article By :
-डॉ. प्रकाश हिन्दुस्तानी, वरिष्ठ पत्रकार

फिल्म में मराठा योद्धाओं के गोरिल्ला युद्ध कौशल को दिखाया गया है। शिवाजी के बेटे संभाजी के गद्दार सूबेदारों की कहानी भी इसमें है और शिवाजी की दूसरी पत्नी सोयराबाई और उनके भाइयों की गद्दारी की कहानी भी।

शेर दा पुत्तर को मराठी में छावा कहते हैं। शिवाजी सावंत के मराठी उपन्यास छावा पर आधारित इस फिल्म में विक्की कौशल और अक्षय खन्ना लीड रोल में हैं। फिल्म में मराठा योद्धाओं के गोरिल्ला युद्ध कौशल को दिखाया गया है। शिवाजी के बेटे संभाजी के गद्दार सूबेदारों की कहानी भी इसमें है और शिवाजी की दूसरी पत्नी सोयराबाई और उनके भाइयों की गद्दारी की कहानी भी। अगर आपको ऐतिहासिक प्रसंग की फिल्में देखने का शौक है तो यह फिल्म जरूर देखनी चाहिए।

यह फ़िल्म वेलेंटाइन डे पर लगी और बाबू शोना के साथ गये दर्शक परेशान हो गये! वेलेंटाइन डे पर छावा का लगना यानी कलाकंद में हींग की टॉपिंग्स! ऐसा कौन करता है भिया?

विक्की कौशल की पत्नी महारानी येसुबाई के रूप में रश्मिका मंदाना के पास करने के लिए कोई बहुत काम नहीं था। सरसेनापति हम्बीराव बने आशुतोष राणा से ज्यादा बड़ा  रोल कवि कलश के रूप में विनीतकुमार सिंह का है। डायना पेंटी औरंगजेब की बेटी ज़ीनत- उन-निसा बेगम के रोल में कुछ डॉयलॉग ही बोल पाती हैं। निर्देशक उसको दिखाता या छावा को?

फ़िल्म में संभाजी की वीरता, युद्ध कौशल और प्रत्युत्पन्नमती को दिखाया है और खूब दिखाया है। इतना दिखाया, इतना दिखाया, इतना दिखाया कि गले गले तक गया। मारकाट, मारकाट, मारकाट!

मारकाट के बाद औरंगज़ेब की गिरफ्त में आये संभाजी पर यातना के वीभत्स दृश्य देख कर कई दर्शक रो पड़ते हैं। मारपीट, घावों पर नमक का मसाज, जंजीरों में जकड़कर आंखें फोड़ना, संडासी जैसे औजार से जुबान पकड़कर, खींचकर निकाल लेना जैसे दृश्य कमज़ोर दिलवालों के लिए नहीं हैं।

विक्की कौशल की एक्टिंग - ग़ज़ब!

रश्मिका मंदाना का तमिल टोन में मराठी बोलना - प्यारा !

एआर रहमान का पार्श्व संगीत - भंकस! कानफाड़ू !!

गाने - भूल जाने योग्य!

अक्षय खन्ना उस दौर के बूढ़े औरंगज़ेब के कुटिल, धूर्त और फरेबी के रोल में ऐसे लगे कि अगर असली औरंगज़ेब भी जाता तो चकरा जाता। अक्षय की वापसी भी बॉबी देओल जैसी है। अक्षय को क्रोशिये की सलाई से बुनाई करने और अंगूर खाने के अलावा भी काम करने का मौका मिला है।

कुछ को फ़िल्म पैसा वसूल लग सकती है तो किसी को हिंसा और वीभत्स सीन के कारण 'पैसा फिजूल' लगेगी।

मेरी राय में देखनीय है छावा!

 

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