बांग्लादेश में उथल-पुथल: शेख हसीना का पैतृक घर ध्वस्त, देश में भड़की हिंसा
बांग्लादेश की राजनीति में उथल-पुथल के बीच, ढाका में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के पैतृक घर को बेकाबू भीड़ ने जमींदोज कर दिया।
- Published On :
07-Feb-2025
(Updated On : 07-Feb-2025 11:37 am )
बांग्लादेश में उथल-पुथल: शेख हसीना का पैतृक घर ध्वस्त, देश में भड़की हिंसा
बांग्लादेश की राजनीति में उथल-पुथल के बीच, ढाका में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के पैतृक घर को बेकाबू भीड़ ने जमींदोज कर दिया। इससे पहले, गुस्साई भीड़ ने बांग्लादेश के पूर्व राष्ट्रपति और संस्थापक शेख मुजीब-उर-रहमान के घर और बंगबंधु संग्रहालय को भी बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया था।
भीड़ के निशाने पर हसीना की संपत्तियां और अवामी लीग
ढाका में भीड़ ने न केवल शेख हसीना के घर को नुकसान पहुंचाया, बल्कि उनके रिश्तेदारों की संपत्तियों को भी ध्वस्त कर दिया। साथ ही, अवामी लीग पार्टी के नेताओं को भी निशाना बनाया गया। इस घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं, जिसमें बुलडोजर जुलूस साफ देखा जा सकता है।
सुरक्षा तंत्र हुआ विफल, प्रशासन ने जताई असमर्थता
इस अभूतपूर्व घटना के दौरान, प्रशासनिक अधिकारियों ने संपत्तियों की सुरक्षा करने में असमर्थता जताई। भीड़ को नियंत्रित करने में सुरक्षा बलों की नाकामी ने स्थिति को और गंभीर बना दिया।
हसीना का निर्वासन और सत्ता से बेदखली
अगस्त 2024 में, करीब 15 वर्षों तक सत्ता में रहीं शेख हसीना को अपदस्थ कर दिया गया था। जुलाई 2024 में छात्र-आंदोलनों के नेतृत्व में बड़े विरोध प्रदर्शनों के बाद उन्हें सत्ता छोड़नी पड़ी और वे भारत में निर्वासन के लिए मजबूर हुईं।
भारत से प्रत्यर्पण की मांग तेज
फिलहाल, भारत में रह रहीं 76 वर्षीय हसीना को वापस लाने की मांग तेज हो रही है। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय नियमों के तहत भारत को प्रत्यर्पण से पहले संभावित जोखिमों का आकलन करना होगा।
लंबे समय तक सत्ता में रहीं हसीना का कार्यकाल विवादों में
शेख हसीना बांग्लादेश की सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाली प्रधानमंत्री रही हैं। उनका पहला कार्यकाल 1996-2001 तक चला, फिर 2009 में सत्ता में वापसी के बाद उन्होंने लगातार तीन कार्यकाल पूरे किए। हालांकि, 2023 में उनके शासनकाल के खिलाफ हिंसा और जनाक्रोश अपने चरम पर पहुंच गया। इस साल की शुरुआत में अमेरिका समेत कई पश्चिमी देशों ने निष्पक्ष और समावेशी चुनाव कराने का आह्वान किया था।
क्या बांग्लादेश में सत्ता का नया समीकरण बनेगा, या हसीना की वापसी होगी? यह देखना दिलचस्प होगा!
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