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बांग्लादेश छोड़ने के बाद शेख हसीना ने दिया पहला बयान, बेटे ने सोशल मीडिया पर किया जारी, मांगा न्याय

हिंसा में शामिल दोषियों की पहचान कर कार्रवाई की मांग

ढाका। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने देश छोड़ने के बाद बाद पहली बार सार्वजनिक रूप से बयान दिया है। बेटे सजीब वाजेद जॉय ने इसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर किया है। अपने बयान में उन्होंने बांग्लादेश में हुई हिंसा की उचित जांच करने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि दोषियों की पहचान कर उन्हें सजा दी जाए।

शेख हसीना ने अपने बयान की शुरुआत बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान की हत्या से की। उन्होंने लिखा है कि भाइयों और बहनों, 15 अगस्त 1975 को बांग्लादेश के राष्ट्रपति बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की निर्मम हत्या कर दी गई थी। मेरे मन में उनके प्रति गहरा सम्मान है। उस समय मेरी मां बेगम फजीलतुन्नैसा, मेरे तीन भाई स्वतंत्रता सेनानी कैप्टन शेख कमाल, स्वतंत्रता सेनानी लेफ्टिनेंट शेख जमाल, कमाल और जमाल की नवविवाहित पत्नी सुल्ताना कमाल, मेरा छोटा भाई जो उस समय केवल 10 वर्ष का था, उनकी बेरहमी से हत्या कर दी गई थी।

अब तक मारे गए लोगों पर जताई चिन्ता

हसीना ने लिखा है कि पिछले जुलाई से अब तक आंदोलन के नाम पर तोड़फोड़, आगजनी और हिंसा में कई लोगों की जान जा चुकी है। इन सभी लोगों की मौत पर मैं शोक व्यक्त करती हूं और उनकी आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना करती हूं। मैं मांग करता हूं कि इन हत्याओं और बर्बरता में शामिल लोगों की उचित जांच की जाए और दोषियों की पहचान कर उन्हें उचित सजा दी जाए।

15 अगस्त को राष्ट्रीय शोक दिवस मनाएं

शेख हसीना ने लिखा है कि राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान, जिनके नेतृत्व में हमें एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में आत्मसम्मान मिला। अपनी पहचान मिली और एक स्वतंत्र देश मिला, उनका अपमान किया गया है। मैं देशवासियों से न्याय चाहती हूं। मैं आपसे 15 अगस्त को राष्ट्रीय शोक दिवस को उचित गरिमा और गंभीरता के साथ मनाने की अपील करती हूं। उल्लेखनीय है कि शेख हसीना का यह बयान उनके खिलाफ बांग्लादेश में हत्या का मामला दर्ज होने के बाद आया है।

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