यूक्रेन युद्ध पर ट्रंप की चेतावनी के बाद रूस ने दी प्रतिक्रिया, 'बराबरी और सम्मानपूर्ण संवाद के लिए तैयार'
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की यूक्रेन युद्ध रोकने की चेतावनी के बाद रूस ने नरम प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि वह "बराबरी और आपसी सम्मान पर आधारित संवाद" के लिए तैयार है।
- Published On :
24-Jan-2025
(Updated On : 24-Jan-2025 09:57 am )
यूक्रेन युद्ध पर ट्रंप की चेतावनी के बाद रूस ने दी प्रतिक्रिया, 'बराबरी और सम्मानपूर्ण संवाद के लिए तैयार'
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की यूक्रेन युद्ध रोकने की चेतावनी के बाद रूस ने नरम प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि वह "बराबरी और आपसी सम्मान पर आधारित संवाद" के लिए तैयार है।
रूस का बयान
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा, "रूस को ट्रंप की प्रतिबंधों की धमकियों में कुछ भी नया नहीं लगता। यह उनके पहले राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान भी देखा गया था।" उन्होंने कहा कि रूस डोनाल्ड ट्रंप के आगे के संकेतों का इंतजार कर रहा है।
इसके साथ ही, रूस के संयुक्त राष्ट्र उप राजदूत दिमित्री पोलांस्की ने स्पष्ट किया कि रूस यह जानना चाहेगा कि ट्रंप युद्ध खत्म करने के लिए किस तरह के समझौते की उम्मीद रखते हैं।
ट्रंप का रुख
डोनाल्ड ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर अपने बयान में कहा,
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"मैं रूस को नुकसान पहुंचाने के बारे में नहीं सोच रहा हूं। मैं रूसी लोगों को प्यार करता हूं और हमेशा राष्ट्रपति पुतिन से अच्छे रिश्ते बनाए रखे हैं।"
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उन्होंने रूस के द्वितीय विश्व युद्ध में योगदान को याद करते हुए कहा, "हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि रूस ने विश्व युद्ध जीतने में मदद की थी और इस दौरान उसने लगभग 60 लाख जानें गंवाईं।"
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ट्रंप ने चेतावनी दी कि अगर समझौता नहीं हुआ, तो रूस पर भारी टैक्स और आयात प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं।
शांति वार्ता की अपील
ट्रंप ने रूस से अपील की है कि वह "इस बेकार युद्ध को बंद करे और समझौता करे।" उन्होंने यह भी कहा कि इस युद्ध का जारी रहना सभी पक्षों के लिए केवल और अधिक विनाशकारी होगा।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
विशेषज्ञ मानते हैं कि ट्रंप के बयान में रूस के प्रति नरम और कूटनीतिक दृष्टिकोण झलकता है, जो उनके राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान भी देखा गया था। हालांकि, उनके बयान ने यह भी संकेत दिया है कि वह प्रतिबंधों का इस्तेमाल वार्ता के लिए दबाव बनाने के रूप में करेंगे।
इस स्थिति में अब यह देखना दिलचस्प होगा कि रूस इस चेतावनी और संभावित वार्ता की पेशकश का कैसे जवाब देता है।
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