अमेरिका का झटका: पाकिस्तान का गैर-नाटो सहयोगी दर्जा खत्म करने की तैयारी
पाकिस्तान पहले से ही गंभीर आर्थिक संकट और अफगान तालिबान के दबाव का सामना कर रहा है। अब अमेरिका भी पाकिस्तान को बड़ा झटका देने की योजना बना रहा है। अमेरिकी संसद में प्रभावशाली रिपब्लिकन सांसद एंडी बिग्स ने एक विधेयक पेश किया है, जिसमें पाकिस्तान का गैर-नाटो सहयोगी (MNNA) का दर्जा खत्म करने का प्रस्ताव रखा गया है।
इस विधेयक में कहा गया है कि राष्ट्रपति को पाकिस्तान को यह दर्जा तब तक नहीं देना चाहिए, जब तक पाकिस्तान हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ ठोस सैन्य कार्रवाई नहीं करता। साथ ही, पाकिस्तान को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हक्कानी नेटवर्क उसकी धरती से अपनी गतिविधियां संचालित न कर सके।
2004 में अमेरिका ने पाकिस्तान को अल-कायदा और तालिबान से लड़ने के लिए यह दर्जा दिया था। इस दर्जे के तहत पाकिस्तान को आधुनिक हथियार, हथियारों की खरीद में प्राथमिकता, और अरबों डॉलर की आर्थिक सहायता मिली। लेकिन इस मदद का उपयोग आतंकवाद से लड़ने की बजाय, पाकिस्तान ने इसे भारत के खिलाफ इस्तेमाल किया।
ओसामा बिन लादेन, जिसे पाकिस्तान में पाया गया था, इस स्थिति की गंभीरता को उजागर करता है। यही कारण है कि पाकिस्तान के इस दर्जे को समाप्त करने की मांग तेज हो रही है।
एंडी बिग्स ने पहली बार जनवरी 2019 में यह प्रस्ताव पेश किया था। हालांकि, यह संसद में खास प्रगति नहीं कर सका। अब इसे दोबारा पेश किया गया है।
इस बीच, पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूएस कैपिटल का दौरा किया और पार्टी के सांसदों के साथ बंद दरवाजों के पीछे बैठकें की। इन बैठकों में ट्रंप ने रिपब्लिकन पार्टी की आगामी रणनीति, टैक्स कटौती, सीमा सुरक्षा, और तेल व गैस उत्पादन बढ़ाने जैसे मुद्दों पर चर्चा की।पाकिस्तान पर यह प्रस्ताव अगर पारित होता है, तो न केवल उसके लिए अंतरराष्ट्रीय मंच पर मुश्किलें बढ़ेंगी, बल्कि उसकी आर्थिक और सामरिक स्थिति भी कमजोर होगी।
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